ईरान और इजरायल के बीच युद्ध भयावह होता जा रह है. दोनों ही देश एक-दूसरे पर मिसाइलों से अटैक कर रहे हैं. इससे ईरान और इजरायल में आम जन जीवन बेपटरी हो गया है. इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू लगातार ईरान के खिलाफ आक्रमक कार्रवाई का संदेश दे रहे हैं. तो वहीं बीते दिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ईरान की राजधानी तेहरान को खाली करवाने की चेतावनी दी है. इससे ईरान में खलबली है. ऐसे में अभिभावकों को भी अब ईरान में रह कर पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की चिंता सताने लगी है. आइए जानते हैं कि आखिर मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए भारतीय ईरान में क्याें जाते हैं. इसमें कितना खर्च आता है.
ईरान में 1500 से अधिक भारतीय छात्र
दुनियाभर के छात्र ईरान जाते हैं. इनमें भारतीय छात्र भी शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मौजूदा वर्ष में ईरान में 1500 से अधिक भारतीय छात्र हैं, जिसमें मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या अधिक है. ईरान में फंसे हुए 1500 छात्रों में से 1200 से अधिक छात्र जम्मू एंड कश्मीर के हैं.
ईरान में सस्ती है मेडिकल डिग्री, जानें कितना है खर्च
भारतीय छात्रों के बीच ईरान किस वजह से लोकप्रिय है? इस सवाल का जवाब ईरानी की सस्ती मेडिकल डिग्री है. असल में ईरान की कई यूनिवर्सिटी ग्रेजुएशन स्तर पर 4 वर्षीय डॉक्टर ऑफ मेडिसन कोर्स संचालित करती हैं, जिसे MBBS के समक्ष माना जाता है. इस कोर्स की फीस की बात करें इसकी फीस 6 लाख रुपये प्रतिवर्ष है. इस हिसाब से समझें तो ईरान से 24 लाख रुपये की ट्यूशन फीस में MBBS की डिग्री प्राप्त की जा सकती है.
अगर ईरान से MBBS डिग्री प्राप्त करने में हुए खर्च की तुलना भारत की प्राइवेट यूनिवर्सिटी से MBBS की ट्यूशन फीस से की जाए तो समझा जा सकता कि क्यों भारतीय छात्र ईरान से मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं. असल में देश के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटे से MBBS करने की फीस एक करोड़ तक आती है.
ईरान की प्रमुख यूनिवर्सिटी
भारतीय छात्रों के बीच ईरान की पंसदीदा यूनिवर्सिटी की बात करें तो इसमें यूनर्विसिटी ऑफ तेहरान, शरीफ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, ताबरिज यूनिवर्सिटी, इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी, ताबरिज यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज शामिल हैं.
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