लंदन स्थित क्यूएस ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी 2026 की रैंकिंग मंगलवार को जारी कर दी है, जिसमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) दिल्ली का कद बढ़ा है. पिछले साल की तुलना में इस साल क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में आईआईटी दिल्ली की रैंकिंंग में 27 रैंक का सुधार दर्ज किया गया है, जिसके तहत इस साल आईआईटी दिल्ली की वर्ल्ड रैंक 123 दर्ज की गई है. इसके साथ ही आईआईटी दिल्ली वर्ल्ड के शीर्ष 123 शैक्षणिक संस्थानों की सूची में शामिल हो गया है. क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2025 में आईआईटी दिल्ली की रैंक 150 दर्ज की गई थी. आइए जानते हैं कि देश के बाकी शैक्षणिक संस्थानों का क्या हाल रहा है.
आईआईटी बॉम्बे की रैंक में गिरावट
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में आईआईटी दिल्ली की रैंक मजबूत हुई है, लेकिन दूसरी तरफ आईआईटी बॉम्बे की रैंक में गिरावट दर्ज की गई है. क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में आईआईटी बॉम्बे को 129वां स्थान मिला है, जो 11 रैंक की गिरावट है. क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2025 में आईआईटी बॉम्बे की रैंक 118 थी.
आईआईटी मद्रास टॉप 200 संस्थानों में शामिल
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में आईआईटी मद्रास की रैंकिंग में भी सुधार दर्ज किया गया है. इसके साथ ही आईआईटी मद्रास दुनिया के टॉप 200 शैक्षणिक संस्थानों में शामिल हो गया है. इसी तरह जामिया मिल्लिया इस्लामिया, बीचयू, जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में सुधार है. वर्ष 2015 में क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में भारत के 11 संस्थान ही शामिल हुए थे. 2026 में 54 भारतीय संस्थान क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में शामिल हुए हैं. इसी तरह आईआईटी ने टाइम्स हायर एजुकेशन रैंकिंग को खारिज किया है. ऐसे में क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग भारत के लिए मायने रखती है.
MIT 14 सालों से नंबर वन
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में भी नंबर वन का खिताब मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान कैम्ब्रिज (MIT) को मिला है. ये 14वां साल है, जब लगातार MIT को नंबर वन का खिताब मिला है. क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे स्थान पर इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन है. तो तीसरे स्थान पर स्टैंनफोर्ड यूनिवर्सिटी है.
विदेशी छात्रों को लुभाने में भारतीय संस्थान पीछे
विदेशी छात्रों को अपने कैंपस में दाखिला के लिए लुभाने में भारतीय संस्थान फिसड्डी साबित हो रहे हैं. इसका असर भी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग पर पड़ रहा है. असल में रैंकिंग मे पांच फीसदी वेटेज विदेशी छात्रों की संख्या के आधार पर दिया जाता है. इस साल की रैंकिंग में विदेशी छात्रों के पैमाने में भारतीय संस्थान सिर्फ ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ही टॉप 350 संस्थानों में जगह बना पाया है, जबकि देश की 78 फीसदी यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है.
ये भी पढ़ें-DU Admission 2025: डीयू यूजी दाखिला नियम में बड़ा बदलाव, अब दो लैंग्वेज चुन सकेंगे छात्र