DU Admission : चांदनी चौक की एक हवेली से शुरू हुआ था सेंट स्टीफंस कॉलेज, यहीं से पढ़े हैं राहुल गांधी-शशि थरूर !

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने अकेडमिक सेशन 2025-26 में यूजी-पीजी कोर्सेस में दाखिला की तैयारी शुरू कर दी हैं, जिसके तहत मंगलवार को डीय के कुलपति प्रो योगेश सिंह ने यूजी दाखिला पोर्टल लॉन्च किया. इसके साथ ही डीयू के कॉलेजों में यूजी दाखिला की दौड़ शुरू हो गई है. इसी कड़ी में आपको डीयू के टॉप कॉलेजों में शुमार सेंट स्टीफंस के बारे में बताते हैं, जिसकी शुरुआत चांदनी चौक की एक हवेली से हुई थी. मौजूदा समय में देश की दो दिग्गज राजनीतिक हस्तियां राहुल गांधी और शशि थरूर भी सेंट स्टीफंस से ही पढ़े हुए हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो दोनों के जीवन को गढ़ने में सेंट स्टीफंस कॉलेज की भूमिका अहम रही है. आइए जानते हैं सेंट स्टीफंस कॉलेज क्यों खास है. इसका इतिहास क्या है.

1881 में स्थापित हुआ था कॉलेज

सेंट स्टीफंस कॉलेज की स्थापना डीयू से पहले हो गई थी. असल में सेंट स्टीफंस कॉलेज की स्थापना साल 1881 में कैम्ब्रिज मिशन के तहत की गई थी, जिसे सैमुअल एलनट ने शुरू किया था. शुरुआत में ये कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध था और चांदनी चौक की एक हवेली में इसे शुरू किया गया था. 1941 में इसे डीयू के एनक्लेव स्थित अपने वर्तमान परिसर में स्थानांतरित किया गया. वास्तुकार वाल्टर जॉर्ज द्वारा डिजाइन की गई इसकी लाल ईंटों की इमारतें आज भी विरासत और आधुनिकता का खूबसूरत संगम प्रस्तुत करती हैं. कॉलेज 1922 में दिल्ली विश्वविद्यालय का हिस्सा बना और इसकी गिनती डीयू के पहले तीन संस्थापक कॉलेजों में की जाती है.

NIRF रैंकिंग में शीर्ष प्रदर्शन

डीयू का सेंट स्टीफंस कॉलेज को राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2024 में तीसरे स्थान प्राप्त हुआ था. तो वहीं साल 2023 की रैंकिंग में कॉलेज 14वें स्थान पर था. NIRF रैंकिंग में सेंट स्टीफंस ने 72.97 स्कोर दर्ज किया था.

पहले भारतीय प्राचार्य की नियुक्ति

1906 में सुशील कुमार रुद्र को कॉलेज का पहला भारतीय प्राचार्य नियुक्त किया गया, जो उस समय एक क्रांतिकारी निर्णय था. यह कदम शिक्षण व्यवस्था में भारतीयों की भागीदारी की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल मानी जाती है. उस समय कॉलेज के शिक्षक सीएफ एंड्रयूज ने इस बदलाव में अहम भूमिका निभाई थी.

प्रवेश प्रक्रिया

सेंट स्टीफेंस कॉलेज स्नातक (UG) और स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रमों में दाखिला CUET (Common University Entrance Test) की मेरिट के आधार पर देता है, लेकिन इसके साथ ही अभ्यर्थियों को कॉलेज के इंटरव्यू से भी गुजरना पड़ता है. मसलन, कॉलेज 85 फीसदी सीयूईटी की मेरिट और 15 फीसदी इंटरव्यू की मेरिट के आधार पर फाइनल मेरिट तैयार करता है. वहीं कॉलेज अपनी धार्मिक अल्पसंख्यक स्थिति के तहत 50% सीटें ईसाई उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रखता है.

सेंट स्टीफंस के टॉप कोर्सेस

सेंट स्टीफंस कॉलेज के स्नातक स्तर पर बीए ऑनर्स अर्थशास्त्र, इतिहास, अंग्रेजी, बीएसएसी ऑनर्स गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र, संस्कृत और दर्शनशास्त्र जैसे विषय बेहद ही लोकप्रिय हैं. वहीं स्नातकोत्तर स्तर पर एमए और एमएससी के पाठ्यक्रम भी हैं, जैसे ऑपरेशंस रिसर्च और गणित में डिग्री. इसके अलावा कुछ डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध हैं.

कॉलेज कैंपस में हॉस्टल सुविधा

सेंट स्टीफंस कॉलेज में 24 से अधिक क्लब और सोसायटी हैं, जिसमें अर्थशास्त्र सोसाइटी, फिजिक्स सोसाइटी, ड्रामेटिक्स क्लब और सोशल सर्विस लीग प्रमुख हैं. वहीं कॉलेज का अपना समद्ध पुस्तकालय है, जहां एक लाख से अधिक किताबें, दुर्लभ पांडुलिपियां और 250 वर्ष पुराना तोराह स्क्रॉल है. विशेष ज़रूरतों वाले छात्रों के लिए ब्रेल अनुभाग और व्हीलचेयर पहुंच जैसी सुविधाएं भी हैं.

वहीं कॉलेज में आठ क्रिकेट पिच, स्क्वैश कोर्ट, जिम, शूटिंग रेंज और टेबल टेनिस जैसा व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद हैं. हॉस्टल सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जो लगभग 380 छात्रों को समायोजित करती हैं. कैंपस में स्वास्थ्य केंद्र, बैंक शाखा, ICT लैब और चैपल जैसी व्यवस्थाएं भी हैं.

कॉलेज के पूर्व छात्र

सेंट स्टीफंस कॉलेज के पूर्व छात्रों में भारत के पूर्व चीफ जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़, वरिष्ठ नेता शशि थरूर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, पत्रकार बरखा दत्त, लेखक अमिताभ घोष, क्रिकेटर उन्मुक्त चंद, पूर्व RBI गवर्नर शक्तिकांत दास और विश्व बैंक के पूर्व अध्यक्ष अजय बंगा जैसे नाम शामिल हैं.

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