NEET-JEE कोचिंग सेंटरों पर छात्रों की निर्भरता पर लगाम लगाने की तैयारी, अब हर महीने शिक्षा मंत्री तलब करेंगे कार्रवाई रिपोर्ट

देश में इंजीनियरिंग, डॉक्टर बनने समेत सरकारी नौकरियों पाने के लिए युवाओं की कोचिंग सेंटरों पर निर्भरता बढ़ती जा रही है. मसलन, इंजीनियरिंग में दाखिला के लिए देश में कई जेईई कोचिंग सेंटर खुले हुए हैं तो वहीं उसी तरह से मेडिकल सीटों में दाखिला के लिए बड़ी संख्या में छात्र प्रत्येक वर्ष नीट कोचिंग सेंटरों में दाखिला लेते हैं. इसी तरह अन्य संस्थानों में दाखिला और नौकरी पाने के लिए युवा कोचिंग सेंटर ज्वाइन करते हैं. ऐसे में देश के अंदर कोचिंग उद्योग तेजी से फल-फूल रहा है, जिसे भारत सरकार देश की शिक्षा व्यवस्था के लिए सकारात्मक नहीं मान रही है. इसी कड़ी में नीट-जेईई जैसे कोचिंग सेंटरों पर छात्रों की निर्भरता कम करने की कवायद शिक्षा मंत्रालय ने शुरू कर दी है. इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय ने 9 सदस्यीय एक कमेटी गठित की है, जो समाधान तलाशेगी. इस कमेटी को हर महीने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के सामने कार्रवाई की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी.

विनीत जोशी कमेटी के अध्यक्ष

शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा सचिव, एनटीए और यूजीसी के चैयरमैन विनीत जोशी को कमेटी का अध्यक्ष बनाया है. वहीं कमेटी में बाकी 8 सदस्यों में सीबीएसई चैयरमैन, उच्च शिक्षा मंत्रालय के उपसचिव, स्कूली शिक्षा मंत्रालय के उपसचिव, आईआईटी मद्रास और आईआईटी कानपुर के प्रतिनिधि, एनआईटी और एनसीईआरटी के प्रतिनिधि, केंद्रीय विद्यालय, नवाेदय विद्यालय और निजी स्कूल से एक-एक प्रिंसिपल को जगह दी गई है.

स्कूल एजुकेशन सिस्टम में खामियों की पड़ताल करेगी कमेटी

शिक्षा मंत्रालय की ये 9 सदस्यीय कमेटी कोचिंग संस्थानों पर छात्रों की निर्भरता कम करने के लिए उपाय सुझाएगी, जिसके तहत कमेटी वर्तमान स्कूल एजुकेशन सिस्टम में खामियों की पड़ताल करेगी, जिस वजह से छात्रों की कोचिंग केंद्रों पर निर्भरता बढ़ी है.

इसके साथ ही कमेटीडमी स्कूल खुलने के पीछे के कारणों की पड़ताल भी करेगी. तो वहीं औपचारिक स्कूली शिक्षा की कीमत पर पूर्णकालिक कोचिंग को प्रोत्साहित करने में डमी स्कूलों की भूमिका की जांच करने और उन्हें कम करने के तरीका सुझाने की जिम्मेदारी भी कमेटी के पास है.

प्रवेश परीक्षाओं की निष्पक्षता का अध्ययन करेगी कमेटी

शिक्षा मंत्रालय की ये 9 सदस्यीय कमेटी स्कूल एजुकेशन सिस्टम के संदर्भ में प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं की प्रभावशीलता और निष्पक्षता का अध्ययन भी करेगी. साथ ही कमेटी की जिम्मेदारी देश मेंगुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की बढ़ती मांग, प्रमुख संस्थानों में सीटों की सीमित उपलब्धता और इस वजह से कोचिंग संस्थानों की तरफ कैसे आकर्षित होते हैं, इसका विश्लेषण करना भी है.

कोचिंंग सेंटरों के विज्ञापनों की भी होगी समीक्षा

इसके साथ ही कमेटी कोचिंग सेंटरों के विज्ञापनों की भी समीक्षा करेगी, जिसके तहत कमेटी जाचेंगी कि किस तरह से कोचिंग संस्थान भ्रामक दावों का उपयोग कर चुनिंदा सफल कहानियों को बढ़ावा देते हैं और छात्रों को कोचिंग के लिए आकर्षित करते हैं. कमेटी हर महीने की गई कार्रवाई की प्रगति के बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री को जानकारी देगी.

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