इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) ने ट्राइबल स्टडी यानी जनजातीय अध्ययन पर पीजी डिप्लोमा (PGDTRBS) कोर्स शुरू किया है. इग्नू ने कहा है कि इस कोर्स को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों, उनकी संस्कृतियों और भारत के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में उनकी भूमिका के बारे में व्यापक समझ को बढ़ावा देना है. साथ ही इग्नू ने कहा कि ट्राइबल स्टडी में पीजी डिप्लोमा करने के बाद छात्रों को UNICEF जैसे प्रतिष्ठान संस्थान में काम करने का अवसर मिल सकता है. आइए जानते हैं कि इग्नू के इस नए कोर्स में क्या खास है. कैसे ये कोर्स किया जा सकता है.
डीयू की वेबसाइट पर जाकर करें आवेदन
इग्नू ने ट्राइबल स्टडी में पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू करने के साथ ही इसमें दाखिला के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके तहत इच्छुक छात्र इग्नू की आधिकारिक वेबसाइटignouadmission.samarth.edu.in पर जाकर दाखिला के लिए आवेदन कर सकते हैं. इग्नू की तरफ से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार ये काेर्स ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) मोड में संचालित किया जाएगा.
कौन ले सकता है एडमिशन, कितनी है फीस
इग्नू के नए कोर्स पीजी डिप्लोमा इन ट्राइबल स्टडी में दाखिला के लिए ग्रेजुएट आवेदन कर सकते हैं, लेकिन विशेष ये है कि वह अंग्रेजी मीडियम से ग्रेजुएशन पास होने चाहिए. क्योंकि इस पूरे कोर्स को अंग्रेजी में संचालित किया जाना है. वहीं इग्नू ने बताया है कि ट्राइबल पीजी डिप्लोमा कोर्स को कम से कम 12 महीने और अधिक से अधिक 36 महीने में पूरा किया जा सकता है. इस कोर्स की फीस 7200 रुपये निर्धारित की गई है.
कोर्स में क्या है खास
इग्नू की तरफ से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार पीजी डिप्लोमा इन ट्राइबल स्टडीज कोर्स मुख्य तौर पर आदिवासी विकास, आदिवासी स्वास्थ्य, शिक्षा और संबद्ध क्षेत्रों में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए है. इस कोर्स में छात्र आदिवासी संस्कृति, आदिवासी समुदाय, उनकी परंपराओं के बारे में जान सकेंगे.
इस कोर्स के बार कहां मिलेगी नौकरी
इग्नू की तरफ से साझा की गई जानकारी के अनुसार ट्राइबल स्टडी में पीजी करने करने के बाद सरकारी एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों, निगमों के CSR विंग, UNDP, UNICEF, WHO जैसे अंतर्राष्ट्रीय विकास संगठनों और विभिन्न स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर खुलते हैं.
इग्नू ने कहा कि ये कोर्स उन पेशेवरों के लिएफायदेमंद है, जो जीवन में तरक्की चाहते हैं और उन व्यक्तियों के लिए भी, जो NGO स्थापित करना चाहते हैं या स्वरोजगार करना चाहते हैं.
NEET UG 2025: नीट कटऑफ में गिरावट, जानें किस राज्य में सबसे कम नंबर से मिलेगा MBBS में दाखिला?