आज की तेज-रफ्तार जिंदगी में तनाव, नींद की कमी और मानसिक थकान आम बात हो चुकी है. ऐसे में पढ़ा हुआ जल्दी भूल जाना भी एक आम समस्या बन गई है. ऐसे लोगों के लिए योग पढ़ाई में भी मददगार साबित हो सकता है. योग की मदद से ऐसे लोग न केवल अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते है, बल्कि स्मरण शक्ति और एकाग्रता को भी बढ़ा सकते हैं.रिसर्च और एक्सपर्ट के अनुसार, कुछ खास योगासन और प्राणायाम दिमाग को शांत करके याददाश्त को बढ़ा सकते हैं. चलिए समझते हैं, याददाश्त बढ़ाने वाले योगासनों, उनके करने के सही तरीके, रोजाना अभ्यास की टाइमिंग क्या है.
पद्मासन (लोटस पोज)
पद्मासन तनाव को कम करता है और दिमाग को शांत रखता है, जिससे मानसिक स्थिरता बढ़ती है और स्मरण शक्ति में सुधार होता है. इसे करने के लिए, जमीन पर एक चटाई बिछाएं और आराम से बैठ जाएं. अपने दाएं पैर को बाईं जांघ पर और बाएं पैर को दाईं जांघ पर रखें. रीढ़ को सीधा रखें, हाथों को घुटनों पर रखें और आंखें बंद करके धीरे-धीरे सांस लें. इस स्थिति में 5 मिनट तक रहें, सांसों पर ध्यान केंद्रित करें.
वृक्षासन (ट्री पोज)
यह संतुलन बनाने वाला आसन है, जो एकाग्रता को बढ़ाता है और मस्तिष्क की फोकस करने की क्षमता को बेहतर करता है. इसे करने के लिए एक पैर पर खड़े हो जाएं और दूसरे पैर को पहली जांघ के ऊपर रखें. हाथों को नमस्कार की मुद्रा में सिर के ऊपर या छाती के सामने जोड़ें. नजर को सामने किसी बिंदु पर टिकाएं और 30 सेकंड से 1 मिनट तक संतुलन बनाएं. फिर पैर बदलकर दोहराएं.
सर्वांगासन (शोल्डर स्टैंड)
यह आसन मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़ाता है, जो याददाश्त के लिए फायदेमंद है. पीठ के बल लेटकर चटाई पर शुरुआत करें. पैरों को धीरे-धीरे 90 डिग्री तक उठाएं. फिर हाथों से कूल्हों को सहारा देकर पैरों को ऊपर की ओर ले जाएं, ताकि आपका वजन कंधों और सिर पर हो. इस स्थिति में कुछ मिनट तक रहें, सांस सामान्य रखें. अगर नए हैं, तो इसे दीवार के सहारे करें.
हलासन (प्लॉ पोज)
यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और तनाव कम करता है, जिससे दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ती है. सर्वांगासन की स्थिति से शुरू करें. पैरों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर ले जाएं ताकि पैरों की उंगलियां जमीन को छूएं. हाथों को पीठ पर या जमीन पर सीधा रखें. इस स्थिति में कुछ सेकंड रहें और धीरे-धीरे वापस आएं.
पश्चिमोत्तानासन (सीटेड फॉरवर्ड बेंड)
यह आसन एकाग्रता बढ़ाता है और मस्तिष्क को तरोताजा रखता है. चटाई पर बैठकर पैरों को सीधा करें. सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें, कोशिश करें कि सिर घुटनों को छुए और हाथ पैरों की उंगलियों तक पहुंचें. इस स्थिति में 1-2 मिनट तक रहें, सांस सामान्य रखें.
भ्रामरी प्राणायाम (बी ब्रीदिंग)
यह प्राणायाम तनाव और चिंता को कम करता है, जिससे दिमाग शांत होता है. किसी शांत जगह पर बैठें, आंखें बंद करें और अंगूठों से कानों को हल्का बंद करें. सांस छोड़ते समय मधुमक्खी की तरह गुनगुनाने वाली आवाज निकालें. इसे 3-5 मिनट तक दोहराएं.
सूर्य नमस्कार (सन सैल्यूटेशन)
यह 12 आसनों का क्रम है, जो रक्त संचार बढ़ाता है और मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार करता है. सुबह खुली जगह पर चटाई बिछाएं. ताड़ासन से शुरू करें, फिर भुजंगासन और अन्य चरणों को सांस के साथ तालमेल करके करें. इसे 5-10 मिनट तक दोहराएं.
इनके अलावा, बकासन, सुकासन और वज्रासन जैसे आसन भी एकाग्रता और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं. इन्हें करने के लिए शांत और हवादार जगह चुनें, आरामदायक कपड़े पहनें और अगर आप नए हैं, तो किसी प्रमाणित योग शिक्षक से मार्गदर्शन लें ताकि चोट से बचा जा सके.
रोजाना कितनी देर करें योग अभ्यास?
विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि याददाश्त बढ़ाने के लिए रोजाना 30 से 60 मिनट तक योग करना पर्याप्त है. अगर समय कम है या आप नए हैं, तो 10-15 मिनट का अभ्यास भी शुरूआत में फायदेमंद हो सकता है. जैसे, वृक्षासन को प्रत्येक पैर के लिए 30 सेकंड से 1 मिनट, पद्मासन को 5 मिनट और सूर्य नमस्कार को 5-10 मिनट तक करें. नियमितता महत्वपूर्ण है, इसलिए हफ्ते में कम से कम 5-6 दिन अभ्यास करें. समय के साथ, जैसे-जैसे आप सहज होते जाएं, अभ्यास की अवधि बढ़ा सकते हैं.
योग का कितने दिन में दिखेगा असर?
इंडियन जर्नल ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया कि हफ्ते में 6 दिन, 12 हफ्तों तक नियमित योग अभ्यास से छोटी अवधि की याददाश्त में सुधार देखा जा सकता है. हालांकि, यह समय व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, अभ्यास की नियमितता और जीवनशैली पर निर्भर करता है. कुछ लोगों को 4-6 हफ्तों में ही हल्का सुधार दिख सकता है, खासकर अगर वे तनाव कम करने और नींद में सुधार के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें. नियमितता और धैर्य यहां कुंजी हैं.
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