NEET UG 2025 Result में क्या गड़बड़ी है? CBI ने नीट यूजी के नंबरों में हेराफेरी का दावा करने वाले दो को किया गिरफ्तार

देश के मेडिकल काॅलेजों में दाखिला के लिए आयोजित होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) यूजी 2025 रिजल्ट में क्या गड़बड़ी थी? नीट यूजी 2025 का रिजल्ट जारी होने के 9 दिन बाद ये सवाल अब चर्चा में आ गया है. इसके मुख्य वजह CBI की तरफ से दर्ज FIR है. असल में CBI ने नीट यूजी 2025 के नंबरों में हेराफेरी का दावा करने वाले तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके बाद से अब नीट यूजी 2025 की निष्पक्षता को लेकर सवाल होने लगे हैं. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है.

पहले मामला समझते हैं

CBI ने नीट यूजी 2025 रिजल्ट के नंबरों में हेरफेर का दावा करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने कहा कि ये दोनों आरोपी झूठा वादा करके धोखा दे रहे थे. सीबीआई ने जारी बयान में कहा है कि 9 जून को एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें महाराष्ट्र के सोलापुर और नवी मुंबई के रहने वाले दो आरोपी एनटीए के फर्जी अधिकारियों के साथ संबंध होने का झूठा दावा करके नीट अभ्यर्थियों और उनके माता-पिता को धोखा देने में शामिल थे.

सीबीआई ने जारी बयान में कहा है कि दोनों आरोपियों ने पीड़ितों को आश्वासन दिया था कि वे भुगतान के बदले में नीट यूजी 2025 में कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों के अंकों में हेरफेर कर सकते हैं.

90 लाख रुपये की मांग

सीबीआई ने दर्ज एफआईआर में कहा है कि यह भी पता चला कि एक आरोपी मुंबई के परेल स्थित होटल आईटीसी ग्रैंड सेंट्रल में अभ्यर्थियों के अभिभावाकों से मुलाकात की थी. इस दौरान इसमें से एक आरोपी ने प्रति अभ्यर्थी 90 लाख रुपये की मांग की थी. हालांकि बाद में उसने प्रति उम्मीदवार 87.5 लाख रुपये स्वीकार करने के लिए बातचीत की. सीबीआई ने कहा कि उसने झूठा दावा किया कि वह एनटीए अधिकारियों को प्रभावित कर सकता है और NEET UG 2025 के अंकों में हेरफेर कर सकता है.

रिजल्ट से 6 घंटे पहले नंबर बढ़ाने का दावा

सीबीआई ने दर्ज एफआईआर में कहा है कि आरोपियों ने अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया था कि वह नीट यूजी 2025 रिजल्ट की आधिकारिक घोषणा से छह घंटे पहले उनके कथित रूप से बढ़े हुए अंकों का विवरण उन्हें देगा. सीबीआई ने कहा किजांच में यह भी पता चला है कि आरोपी सह-आरोपी के संपर्क में था, जो नवी मुंबई में एक कंसल्टेंसी फर्म चलाता है, और एक अन्य व्यक्ति, जो पुणे में इसी तरह की कंसल्टेंसी चलाता है. गिरफ्तार व्यक्तियों के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच में संभावित अभ्यर्थियों, उनके रोल नंबर, एडमिट कार्ड, ओएमआर शीट और हवाला नेटवर्क के माध्यम से वित्तीय लेनदेन के साक्ष्य वाले आपत्तिजनक चैट का पता चला.

ऐसे हुई गिरफ्तारी

सीबीआई ने कहा है किजांच के दौरान आरोपी को 9 जून को मुंबई में गिरफ्तार किया गया, जबकि सह-आरोपी को 10 जून को महाराष्ट्र के सांगली जिले में गिरफ्तार किया गया. दोनों को विशेष सीबीआई कोर्ट, मुंबई के समक्ष पेश किया गया. जहां से पहले 13 जून तक पुलिस हिरासत रिमांड (पीसीआर) मिली, जिसे बाद में 16 जून तक बढ़ा दिया गया.

एनटीए अधिकारियों के साथ संबंध का दावा झूठा: CBI

सीबीआई ने दर्ज एफआईआर में कहा है किजांच में मामले में आरोपी व्यक्तियों के साथ सरकारी अधिकारियों या एनटीए कर्मियों की कोई संलिप्तता नहीं पाई गई है. आरोपियों ने एनटीए अधिकारियों के साथ संबंधों का झूठा दावा करके नीट यूजी 2025 में शामिल अभ्यर्थियों को गुमराह किया था.

सोशल मीडिया पर शुरू हुआ संग्राम

नीट यूजी 2025 में हेराफेरी का दावा करने वालों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि आरोपियों ने एनटीए अधिकारियों के साथ संबंध होने का झूठा दावा किया था, लेकिन ये मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया में नीट की निष्पक्षता को लेकर संग्राम शुरू हो गया है. सोशल मीडिया में नीट नहीं है क्लीन जैसे हैशटैग चल रहे हैं.

नीट यूजी 2024 में विवादों में रही थी

नीट यूजी 2024 भी विवादों में रही थी. असल में नीट यूजी 2024 में भी बड़ी संख्या में एक ही सेंटर के अभ्यर्थियों को अधिक अंक मिले थे. इसके बाद नीट का पेपर लीक होने का आरोप लगा था. इस वजह से एनटीए चैयरमैन को पद से हटना पड़ा था. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था. इसके बाद 1500 से अधिक अभ्यर्थियों को दिए गए ग्रेस मॉर्क्स रद्द कर दिए गए थे.

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