केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (CBSE) ने 10th बोर्ड परीक्षा को लेकर एक अहम फैसला लिया है. अब साल 2026 से सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होगी. सीबीएसई ने नई शिक्षा नीति के तहत बोर्ड परीक्षा का दवाब कम करने के लिए ये फैसला लिया है, जिसके तहत कोई भी छात्र साल में दो बार 10वीं की बोर्ड परीक्षा दे सकता है. पहली परीक्षा अनिवार्य होगी तो वहीं दूसरी परीक्षा स्वैच्छिक होगी. पहली बोर्ड परीक्षा में पास, फेल और कंपार्टमेंट लाने वाले छात्र कुल 3 विषयों में दूसरी बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे. आइए जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है. कैसे छात्रों को इसका फायदा होगा.
3 मूल विषय और एक भाषा में से दोबारा परीक्षा
सीबीएसई ने साल 2026 से साल में दो बार 10वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने का फैसला लिया है, जिसके तहत प्रत्येक साल 10वीं की पहली बोर्ड परीक्षा फरवरी में होगी, जिसका रिजल्ट अप्रैल में जारी होगा, तो वहीं दूसरी बोर्ड परीक्षा मई में होगी, जिसका रिजल्ट जून में जारी होगा. सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि पहली बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र ही दूसरी बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं, जिसके तहत ऐसे छात्र गणित, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और भाषा में से किसी भी तीन विषयों की दोबारा परीक्षा दे सकते हैं.

सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रिजल्ट में शामिल होगा
सीबीएसई ने नई शिक्षा नीति के तहत साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने का फैसला लिया है. सीबीएसई ने स्पष्ट किया कि बोर्ड परीक्षा का दवाब कम करने के लिए साल में दो बार परीक्षा आयोजित कराने का नियम लागू किया जा रहा है, जिसके तहत दोनों बोर्ड परीक्षा में से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को ही बोर्ड रिजल्ट में शामिल किया जाएगा. मसलन, अगर किसी छात्र के 10वीं की पहली परीक्षा में गणित में कम नंबर आए हैं तो वह दूसरी बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर अपने नंबर बढ़वा सकता है. वहीं अगर किसी छात्र का दूसरी बोर्ड परीक्षा में प्रदर्शन पहले से भी खराब रहता है तो पहली बोर्ड परीक्षा के नंबर ही लागू किए जाएंगे
3 विषयों की पहली बोर्ड परीक्षा में शामिल होना जरूरी
सीबीएसई ने 2026 से साल में दो बार 10वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने का फैसला लिया है, जिसके तहत स्पष्ट किया गया कि 10वीं की पहली बोर्ड परीक्षा सभी के लिए अनिवार्य होगी. यानी पहली बोर्ड परीक्षा में शामिल ही दूसरी बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे. इस नियम को विस्तार से स्पष्ट करते हुए कहा कि पहली बोर्ड परीक्षा में कम से कम 3 विषयों की परीक्षा में छात्रों को शामिल हुआ होना चाहिए. अगर किसी छात्र ने 3 विषयों की पहली बोर्ड परीक्षा नहीं दी है तो वह दूसरी बोर्ड परीक्षा नहीं दे सकेंगे. ऐसे छात्र अगले साल फरवरी में होने वाली बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकेंगे.
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