यूपी में कथावाचक विवाद गहराया हुआ है. इस मामले में प्रदेश में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. मामला इटावा में दो कथावाचकों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार से शुरू हुआ, जिसके बाद इस मामले में पुलिस की एंट्री हो गई है तो वहीं मौजूदा समय में देश के अंदर कथावाचकों की जाति को लेकर नई चर्चा ने जन्म ले लिया है. आइए इसी बहाने जानते हैं कि देश में कौन सा संस्थान कथावाचन की आधिकारिक डिग्री देता है?कथावाचन के लिए कौन सी डिग्री की आवश्यकता होती है? कथावाचक बनने के लिए ऑनलाइन डिग्री कौन सी यूनिवर्सिटी से प्राप्त की जा सकती है?
कथावाचकों पर संवैधानिक रेगुलेशन नहीं
देश में कथावाचन व्यवसाय का रूप ले रहा है. अमूमन युवा भी इसे प्राेफेशन के तौर पर ले रहे हैं. ऐसे में देश में कथावाचन के रेगुलेशन के लिए संवैधानिक नियमों की जानकारी हमने प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान दिल्ली के निदेशक और संस्कृत के जानकार डॉ जीतराम भट्ट से बातचीत की. इसको लेकर जीत राम भट्ट कहते हैं कि जिस तरीके से हिंदी साहित्य में कहानी पाठ होता है, उसी तरह से धर्म और पुराणों की कथा कही जाती है, लेकिन जब भी विषय धर्म का होता है तो ऐसे में आस्था इसके साथ जुड़ जाती है. प्राचीन समय से ही व्यास गद्दी के माध्यम से कथावाचन की परंपरा रही है, जिसकी अपनी कुछ मर्यादा होती हैं. डॉ भट्ट आगे कहते हैं कि देश में कथावाचन या कथावाचकों के रेगुलेशन के लिए कोई बॉडी नहीं है. हालांकि वह कहते हैं कि प्राचीन समय से ही चारों शंकराचार्य पीठ से ही कथावाचक रेगुलेट होते रहे हैं.
कहां से मिलती है कथावाचन में डिग्री?
कथावाचक में कहां से डिग्री ले सकते हैं ? कौन कथावाचन की डिग्री ले सकता है? इस सवाल के जवाब में प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान दिल्ली के निदेशक और संस्कृत के जानकार डॉ जीतराम भट्ट कहते हैं कि देश की किसी भी संस्कृत यूनिवर्सिटी से ये डिग्री प्राप्त की जा सकती हैं. इस डिग्री को किसी भी जाति और धर्म का व्यक्ति कर सकता है. मौजूदा वक्त में कई यूनिवर्सिटी कर्मकांड के ग्रेजुएशन कोर्स करा रही हैं.
संपूर्णानंद यूनिवर्सिटी ऑनलाइन करा ही कथावाचक कोर्स
देश में रामकथा, भागवत कथा सुनने के बढ़ते क्रेज को देखते हुए बीते दिनों वाराणसी स्थित संपूर्णानंद यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन कथावाचक कोर्स कराने का फैसला लिया था. देश में नए कथावाचक तैयार करने के लिए संपूर्णानंद यूनिवर्सिटी ने पुराण प्रवचन प्रवीण नाम से सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया था. पूरी तरह से ऑनलाइन इस कोर्स का का मुख्य उद्देश्य कथावाचन की विधा को बेहतर करना है.
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