CBSE 12th Board Exam: क्या सीबीएसई 12वीं बोर्ड एग्जाम भी साल में दो बार होंगे ? क्या हैं NEP में नियम!

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बीते दिनों 10वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत वर्ष 2026 से 10वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी. 10वीं की पहली बोर्ड परीक्षा सभी बच्चों के लिए अनिवार्य होगी तो वहीं दूसरी बोर्ड परीक्षा स्वैच्छिक होगी. हालांकि दूसरी बोर्ड परीक्षा में वह ही छात्र शामिल हो सकेंगे, जिन्होंने 10वीं की पहली परीक्षा दी होगी. 10वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर हुए इस महत्वपूर्ण बदलाव के बाद अब छात्र और अभिभावक 12वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर सीबीएसई की योजनाओं के बारे में जानना चाहते हैं. सवाल ये ही है कि क्या सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा भी साल में दो बार आयोजित करेगा? आइए जानते हैं कि इसको लेकर सीबीएसई की तैयारियां क्या हैं? एक्सपर्ट क्या कहते हैं?

12वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार संभव?

सीबीएसई ने 10वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार कराने का फैसला नई शिक्षा नीति 2020 के तहत लिया है. असल में नई शिक्षा नीति 2020 के पैरा 4.37 में इसको लेकर स्पष्ट निर्देश है, जिसमें बोर्ड समेत प्रवेश परीक्षाओं की मौजूदा प्रणाली में सुधार करने का प्रावधान करने को कहा गया है. इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य छात्रों के बीच कोचिंग कक्षाओं की आवश्यकता को समाप्त करना है.

नई शिक्षा नीति में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि वर्तमान मूल्यांकन प्रणाली के हानिकारक प्रभावों को दूर करने, समग्र विकास को प्रोत्साहित करने के लिए बोर्ड परीक्षाओं को फिर से डिजाइन किया जाएगा. साथ ही नई शिक्षा नीति में बोर्ड परीक्षाओं को भी आसान बनाने का निर्देश दिया गया है. ऐसे में 10वीं के बाद 12वीं बोर्ड परीक्षा में बदलाव संभव है, जिसमें साल में दो बार 12वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने का विकल्प खुला हुआ है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित होने की संभावनाओं को लेकर TV9 ने दिल्ली मयूर विहार स्थित विद्या बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंंसिपल डॉ सतबीर शर्मा से बातचीत की. सीबीएसई की कई कमेटियाें में शामिल डाॅ सतबीर शर्मा ने इसको लेकर कहा कि नई शिक्षा नीति में 12वीं बोर्ड परीक्षा में भी बदलाव करने को कहा गया है. मौजूदा समय में 10वीं की परीक्षा को साल में दो बार आयोजित कराने के फैसले को ट्रायल के तौर पर देखा जा सकता है. इस ट्रायल के जरिए सीबीएसई को एक मैकेनिज्म बनाना है, जिससे 12वीं की परीक्षा साल में दो बार आयोजित होने से रिजल्ट जारी होने में देरी ना हो.

उन्होंने कहा कि सीबीएसई की तरफ से मई में 10वीं की दूसरी बाेर्ड परीक्षा प्रस्तावित है. अगर 12वीं में इसे लागू किया जाता है तो अन्य एजुकेशन बोर्ड की तुलना में सीबीएसई बोर्ड के छात्रों के रिजल्ट में देरी होगी. तो वहीं रिजल्ट में देरी से इंटरनेशनल लेवल पर भी 12वीं के बाद छात्रों का दाखिला प्रभावित हो सकता है. ऐसे में सीबीएसई को 12वीं की परीक्षा साल में दो बार आयोजित कराने से पहले ऐसी कुछ समस्याओं का समाधान खोजना है.

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