विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी (UGC) ने देशभर के कई प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों को रैगिंग विरोधी दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर चेतावनी जारी की है और डिफॉल्टर सूची में डाल दिया है. यूजीसी ने कुल 89 संस्थानों को कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिन्होंने अनिवार्य एंटी-रैगिंग शपथ पत्र और अनुपालन हलफनामा समय पर जमा नहीं किया. डिफॉल्टर सूची में जो संस्थान आए हैं, उसमें देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में शुमार आईआईटी से लेकर आईआईएम, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स (AIIMS) और राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (NID) समेत 17 संस्थान शामिल हैं.
कौन-कौन से IIT डिफॉल्टर?
अगर डिफॉल्टर आईआईटी संस्थानों की बात करें तो उसमें आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी हैदराबाद और आईआईटी पलक्कड़ शामिल हैं, जबकि डिफॉल्टर आईआईएम संस्थानों में आईआईएम मुंबई, आईआईएम रोहतक और आईआईएम तिरुचिरापल्ली शामिल हैं. इसके अलावा AIIMS रायबरेली और दिल्ली, हरियाणा और आंध्र प्रदेश स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन भी डिफॉल्टर सूची में हैं.
यूजीसी के नियमों की अनदेखी
यूजीसी सचिव डॉ. मनीष जोशी ने कहा कि आयोग ने कई बार निर्देश और परामर्श भेजे, साथ ही एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन और निगरानी एजेंसी के जरिए भी संबंधित संस्थानों को रिमाइंडर दिया गया, लेकिन बावजूद इसके वो छात्र और संस्थान दोनों की ओर से जरूरी शपथ पत्र नहीं ले सके. ये न सिर्फ यूजीसी के नियमों की अनदेखी है, बल्कि छात्रों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर लापरवाही है.
उन्होंने आगे बताया कि यूजीसी के एंटी-रैगिंग रेगुलेशन 2009 के अनुसार, सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए छात्रों और उनके अभिभावकों से प्रत्येक सेशन की शुरुआत में एंटी-रैगिंग डिक्लरेशन लेना अनिवार्य है. इसका उद्देश्य छात्रों को रैगिंग से सुरक्षित रखना और शैक्षणिक माहौल को सौहार्दपूर्ण बनाए रखना है. अगर इन संस्थानों ने 30 दिनों के भीतर नियमों का अनुपालन नहीं किया, तो यूजीसी उनकी फंडिंग रोक सकती है, साथ ही उनकी मान्यता या एफिलिएशन भी रद्द की जा सकती है. इसका असर रिसर्च प्रोजेक्ट्स और अन्य वित्तीय सहायता पर भी पड़ेगा.
डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल अन्य संस्थान
‘डिफॉल्टर’ सूची में शामिल अन्य संस्थानों में एनआईपीईआर हैदराबाद, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU), नालंदा विश्वविद्यालय, इग्नू (IGNOU) और कोलकाता स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान जैसे बड़े संस्थान भी हैं.
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