CBSE के बाद यूपी-एमपी जैसे राज्य एजुकेशन बोर्ड भी साल में 2 बार कराएंगे 10वीं की परीक्षा! जल्द होगा फैसला

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बीते दिनों ही 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित कराने का फैसला लिया था, जिसके तहत वर्ष 2026 से सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित होगी. अब इसी तर्ज पर यूपी, एमपी, राजस्थान समेत राज्यों के एजुकेशन बोर्ड भी 10वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर बड़ा फैसला ले सकते हैं. मसलन, सीबीएसई के बाद देश के राज्य एजुकेशन बोर्ड 10वीं परीक्षा साल में दो बार आयोजित कराने संबंधी फैसला ले सकते हैं. इसको लेकर बुधवार 2 जुलाई को देश के सभी एजुकेशन बोर्ड शिक्षा मंत्रालय के साथ मंथन करेंगे. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?

सीबीएसई का मॉडल देखेंगे दूसरे एजुकेशन बोर्ड

शिक्षा मंत्रालय ने 2 जुलाई बुधवार को देशभर के सभी एजुकेशन बोर्डों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में राज्य एजुकेशन बोर्ड के साथ ही बाकी दूसरे एजुकेशन बोर्डों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे. इस बैठक में राज्य समेत दूसरे एजुकेशन बोर्डों के पदाधिकारियों को सीबीएसई का 10वीं की परीक्षा साल में दो बार आयोजित कराने वाला मॉडल दिखाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक इस बैठक में सीबीएसई मॉडल पर मंथन करते हुए राज्य समेत अन्य एजुकेशन बोर्ड 10वीं की परीक्षा साल में दो बार आयोजित कराने को लेकर फैसला लेंगे.

राज्य एजुकेशन बोर्ड जल्द करेंगे ऐलान!

सीबीएसई की तर्ज पर राज्य समेत अन्य एजुकेशन बोर्ड भी 10वीं की परीक्षा साल में दो बार आयोजित कराने का फैसला जल्द लेंगे. हालांकि एक्सपर्ट ये मान रहे हैं कि नई शिक्षा नीति के तहत 10वीं बोर्ड परीक्षा पैटर्न में बदलाव करना आवश्यक है, जिसके तहत सीबीएसई ने साल में दो बार आयोजित कराने का फैसला लिया है. राज्य एजुकेशन बोर्डों को भी साल में दो बार 10वीं की परीक्षा आयेाजित करानी ही पड़ेगी, लेकिन ये जरूरी नहीं कि वह सीबीएसई के मॉडल को अपनाएं. ऐसे में सीबीएसई का मॉडल देखने के बाद राज्य एजुकेशन बोर्ड इस पर अमल करेंगे या नहीं, ये उन्हें तय करना है. वहीं मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जो भी एजुकेशन बोर्ड 10वीं की परीक्षा साल में दो बार आयोजित करेगा, वह उसकी हर संभव मदद करेगा.

सभी एजुकेशन बोर्ड का मूल्याकंन एक जैसा होगा

शिक्षा मंत्रालय और राज्य समेत दूसरे एजुकेशन बोर्डों के बीच होने वाली बैठक में दूसरा मुख्य एजेंडा मूल्यांकन से जुड़ा हुआ है. इसके तहत शिक्षा मंत्रालय की कवायद देश के सभी बोर्डों के मूल्यांकन प्रणाली को एक जैसे करनी की है, जिसका मुख्य मकसद छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करना है, जिससे कोचिंग परंपरा पर रोक लगाई जा सके.

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