प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों 5 देशों की विदेश यात्रा पर हैं. 2 जुलाई से 10 जुलाई तक आयोजित हो रही इस विदेश यात्रा में पीएम मोदी पहली बार पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो और नामीबिया जा रहे हैं, जिसे कूटनीति के लिहाज से बेहद ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हालांकि दूसरी तरफ अफ्रीकी देशों के छात्रों के बीच भारत एक एजुकेशन हब के तौर पर प्रचलित हो चुका है. सवाल ये है कि बड़ी संख्या में अफ्रीकी देशों के छात्र हायर एजुकेशन के लिए भारत ही क्यों आते हैं? भारत में अफ्रीकी देशों के छात्रों की संख्या कितनी है? एजुकेशन के लिए भारत आने की वजह से स्कॉलरिशप है या कोई और? आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या वजह है?
भारत में अफ्रीकी देशों के छात्रों की संख्या
अफ्रीकी देशों के छात्र बड़ी संख्या में भारत आते हैं. एक आंकड़े के अनुसार साल 2023 में लगभग 50 हजार अफ्रीकी छात्र भारत में हायर एजुकेशन प्राप्त कर रहे थे. एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में सबसे अधिक नाइजीरिया के छात्र पढ़ रहे हैं. इसके बाद केन्या, जाम्बिया, तंजानिया, मॉरीशस के छात्रों की संख्या है. वहीं एक रिपोर्ट कहती है कि अफ्रीकी महाद्वीप के 19 से अधिक देशों के छात्र भारत में हायर एजुकेशन प्राप्त कर रहे हैं.
सस्ती शिक्षा और STEM है मुख्य आकर्षण
अफ्रीकी देश के छात्र हायर एजुकेशन के लिए भारत ही क्यों आते हैं? इस सवाल का जवाब सस्ती शिक्षा और STEM एजुकेशन है. असल में अन्य देशों की तुलना में भारत में शिक्षा सस्ती है, जो अफ्रीकी छात्रों के बजट में फिट बैठती है. दूसरी तरफ भारतीय यूनिवर्सिटी में STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) का पाठ्यक्रम और उसकी फीस भी अफ्रीकी छात्रों को आकर्षित करती है.
कितनी मिलती है स्काॅलरिशप?
सस्ती और STEM एजुकेशन के साथ ही स्काॅलरिशप भी अफ्रीकी देशों के छात्रों को भारत में हायर एजुकेशन के लिए आकर्षित करती है. असल में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) अफ्रीकी छात्रों के लिए इंडिया-अफ्रीका मैत्री स्कॉलरिशप प्रोग्राम संचालित करता है, जिसके तहत अफ्रीकी छात्रों को लगभग 900 स्कॉलरशिप दी जाती हैं, जिसमें ग्रेजुएशन के छात्रों को 18 हजार, पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों को 20 हजार और पीएचडी के छात्रों को 25 हजार रुपये दिए जाते हैं. वहीं ट्यूशन फीस में रियायत की सुविधा भी दी जाती है.इसके साथ ही ई विद्या भारती और ई आरोग्य भारती प्राेग्राम के तहत भी अफ्रीकी छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाती है. इन दोनों प्रोग्रामों के तहत अफ्रीकी छात्रों को ट्यूशन फीस में रियायत दी जाती है. इसके साथ ही अफ्रीकी देश भी अपने छात्रों को स्कॉलरशिप देते हैं.
अफ्रीकी देशाें के 32 हजार छात्रों को स्कॉलरिशप
भारत सरकार अपने स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत साल 2023 तक 32 हजार से अधिक अफ्रीकी देशों के छात्रों को हायर एजुकेशन के लिए स्काॅलरशिप दे चुकी है. भारत सरकार का लक्ष्य 50 हजार अफ्रीकी देशों के छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान करने का है. असल में भारत सरकार ने साल 2015 में भारत अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन-III के दौरान 50,000 स्कॉलरशिप की घोषणा की थी. ये स्कॉलरशिप ई-विद्याभारती प्रोग्राम के तहत उपलब्ध कराई जा रही है.
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