संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण (JOSAA) 2025 काउंसलिंग अपने पीक पर है. जेईई एडवांस्ड 2025 रिजल्ट के बाद शुरू हुई जोसा काउंसलिंग के अभी तक 3 राउंड हो चुके हैं. इस बीच एक छात्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें दावा किया गया है कि एग्जाम सेंटर में छिपकली होने की वजह से वह डर गई थी. इससे वह ठीक से जेईई एडवांस्ड 2025 नहीं दे सकी. नतीजतन जेईई एडवांस्ड 2025 की रैंकिंग में वह पिछड़ गई है. छात्रा ने जोसा कांउसलिंग में दाखिला के लिए जेईई मेन्स की रैंकिंग मानने की मांग की है. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है? छात्रा की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा है?
एग्जाम सेंटर में छिपकली ने किया परेशान
जेईई एडवांस्ड 2025 की परीक्षा 18 जून को आयोजित की गई थी. इस परीक्षा में शामिल दिल्ली की एक छात्रा ने एग्जाम हॉल में हुई परेशानी का हवाला देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. छात्रा ने अपनी याचिका में कहा है कि सुबह 9 से 12 बजे तक आयोजित पहली पाली की परीक्षा में कम्प्यूटर की स्क्रीन ठीक से काम नहीं कर रही थी. इसकी शिकायत करने के बाद भी इसे ठीक नहीं कराया गया. इस वजह से वह पेपर ठीक से पढ़ नहीं पाई.
साथ ही छात्रा ने कहा कि दोपहर 2.30 से शाम 5.30 बजे तक आयोजित दूसरी पाली की परीक्षा में एक बड़ी छिपकली बार-बार एग्जाम सेंटर में आ रही थी, जो उसकी सीट के पास मंडरा रही थी. छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा है कि एग्जाम सेंटर में इनविजिलेटर ने छिपकली को बाहर निकाला, लेकिन वह बार-बार अंदर आ गई. इस वजह से वह घबरा गई. इससे उसका दूसरा पेपर भी खराब हुआ. छात्रा ने अपनी याचिका में जेईई एडवांस्ड की जगह जेईई मेन्स की कटऑफ मानने की मांग कोर्ट से की है.
हाईकोर्ट ने जवाब किया तलब
जेईई एडवांस्ड 2025 में एग्जाम सेंटर के अंदर छात्रा काे हुई परेशानी के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ा रूख अख्तियार किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने छात्रा की याचिका पर जेईई एडवांस्ड 2025 का आयाेजन करने वाले आईआईटी कानपुर, एनटीए और केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि जेईई एडवांस्ड कराने के नियम क्या हैं? अब कोर्ट जवाब प्रस्तुत होने के बाद मामले की अगली सुनवाई करेगा.
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