Patna University: पटना विश्वविद्यालय के 5 कॉलेजों में लॉटरी से कैसे और क्यों हुई प्रिंसिपल की नियुक्ति? जानें वजह और प्रोसेस

पटना विश्वविद्यालय (पीयू) के पांच कॉलेजों में नए प्रिंसिपल का चयन किया गया. उनकी नियुक्ति योग्यता या उपयुक्तता पर नहीं बल्कि एक लॉटरी के माध्यम से ड्रा के जरिए किया गया. छपरा के जय प्रकाश विश्वविद्यालय में एक इतिहास शिक्षक नागेंद्र प्रसाद वर्मा को लॉटरी के माध्यम से पटना में मगध महिला कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में चुना गया था. आइए जानते हैं कि लॉटरी के जरिए कैसे और क्यों हुई प्रिंसिपल की नियुक्ति की गई और इसका पूरा प्रोसेस क्या है.

लाॅटर के जरिए नागेंद्र प्रसाद वर्मा (मगध महिला कॉलेज), अनिल कुमार (पटना कॉलेज), अलका (पटना साइंस कॉलेज), सुहेली मेहता (वानीज्या महाविद्यालाया) और योगेंद्र कुमार वर्मा (पटना कानून कॉलेज) का चयन प्रिंसिपल पद के लिए किया गया है. सभी पांच पहले बिहार स्टेट यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन (BSUSC) की सिफारिशों पर प्रिंसिपलों के रूप में चुने गए थे, जो उनके साक्षात्कार और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर थे. यह 15 साल के अंतराल के बाद है कि पीयू कॉलेजों को विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित प्रिंसिपल मिलेंगे. आमतौर पर, एक कॉलेज प्रिंसिपल की नियुक्ति संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा की जाती है.

क्यों लिया गया लाॅटरी से नियुक्ति का फैसला?

इन काॅलेजों में प्रिंसिपल की नियुक्ति का यह फैसला राज्यपाल-सह चांसलर आरिफ मोहम्मद खान के आदेश के बाद लिया गया, ताकि कॉलेजों में प्रिंसिपल की नियुक्ति की कथित गड़बड़ियों को रोका जा सके.

लाॅटरी के जरिए कैसे हुई नियुक्ति?

बिहार स्टेट यूनिवर्सिटी सर्विस कमीशन की ओर से अनुशंसित कैंडिडेट्स की पोस्टिंग लॉटरी सिस्टम से की गई. इसकी निगरानी एक सदस्यीय समिति ने की. जिसकी अध्यक्षता पटना यूनिवर्सिटी के वीसी ने की. पटना विश्वविद्यालय के पांच कॉलेजों के मामले में नामों को कुलपति अजय कुमार सिंह, रजिस्ट्रार शालिनी और चांसलर के प्रतिनिधि, रहमत जहान की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा सर्वेक्षण किए गए ड्रॉ के माध्यम से चुना गया.

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