कोरोना महामारी की वजह से दुनिया ठहर गई थी. कोरोना की वजह से दुनिया के अधिकांश देशों को लॉकडाउन का सामना करना पड़ा, जिसमें भारत भी शामिल था. इस वजह से स्कूल बंद हो गए. हालांकि बाद में पढ़ाई को सुचारू रखने के उद्देश्य से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की गई. हालांकि कोरोना महामारी खत्म होने बाद स्कूल खुल गए हैं, लेकिन अभी भी स्कूली शिक्षा पर कोरोना का असर दिखाई दे रहा है. मसलन, कक्षा 3 के बच्चों का सीखने का स्तर अभी साल 2017 से नीचे है. ये स्थिति सरकार के PARAKH राष्ट्रीय सर्वेक्षण में सामने आई है.
2021 से सुधार पर 2017 से नीचे
PARAKH राष्ट्रीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार कक्षा 3 के छात्रों का साल 2024 में भाषा में औसत राष्ट्रीय स्कोर 64 फीसदी दर्ज किया गया है, जो 2021 में 62 फीसदी था. हालांकि 2021 की तुलना में इसमें सुधार हुआ है, लेकिन 2017 में ये स्कोर 66.7 फीसदी था. इसके अनुसार ये अभी भी कम है.
इसी तरह PARAKH राष्ट्रीय सर्वेक्षण में साल 2014 में गणित सीखने का राष्ट्रीय औसत स्कोर 60 फीसदी दर्ज किया गया है, जो 2021 में दर्ज 57 फीसदी से ऊपर है, लेकिन 2017 में गणित सीखने का औसत स्कोर 63 फीसदी था.
21 लाख छात्रों का मूल्यांकन
PARAKH राष्ट्रीय सर्वेक्षण के तहत राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) में दिसंबर 2024 में 74,229 स्कूलों का सर्वे किया गया, जिसमें कक्षा 3, 6 और 9 में पढ़ रहे 21.15 लाख छात्रों का मूल्यांकन किया गया. इस दौरान कक्षा 3 के छात्रों को छोटी कहानियां पढ़ने और उनके अर्थ को समझने को दिया गया, जिसमें उन्होंने सबसे कम 60 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं जबकि दैनिक बातचीत करने के लिए शब्दों को जानने और उनका उपयोग करने में उनका प्रदर्शन सबसे अच्छा यानी 67 फीसदी रहा.
इसी तरहगणित में कक्षा 3 के छात्रों ने ज्यामितीय आकृतियों और धन लेन-देन में खराब प्रदर्शन किया, दोनों में औसतन 50 फीसदी अंक प्राप्त किए. उन्होंने सरल पैटर्न, आकृतियों और संख्याओं की पहचान करने में सबसे अच्छा 69 फीसदी का प्रदर्शन किया.
Indian Education System : अब क्या करना होगा?
यह रिपोर्ट हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि सिर्फ स्कूल खुल जाने से सब कुछ ठीक नहीं हो जाता. बच्चों को सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, समझ और अभ्यास की भी जरूरत है. सिर्फ परीक्षा परिणाम नहीं, बल्कि सीखने की प्रक्रिया को मजबूत करने पर ध्यान देना होगा और पैरेंट्स को भी चाहिए कि वे बच्चों की पढ़ाई में रोज थोड़ा-थोड़ा जुड़ाव रखें.
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