नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने बीते दिनों कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) UG 2025 का रिजल्ट घोषित किया था. इसके साथ ही दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) समेत अन्य विश्वविद्यालयों ने अंडर ग्रेजुएशन सीटों में दाखिला की प्रक्रिया तेज कर दी है. इसी कड़ी में डीयू ने 8 जुलाई से दाखिला प्रक्रिया का दूसरा चरण शुरू कर दिया है. तो वहीं अन्य यूनिवर्सिटी भी सीयूईटी यूजी 2025 की मेरिट के आधार पर दाखिला सूची जारी करने की तैयारी में हैं.
ऐसे में अब 12वीं पास कर चुके छात्रों को दाखिला से जुड़े दस्तावेजों को जुटाना शुरू कर देना चाहिए. क्योंकि डीयू समेत कई यूनिवर्सिटी की मेरिट सूची में नाम आने के बाद दाखिला की औपचारिकता पूरी करने का बहुत कम समय मिलता है. ऐसे में दस्तावेजों को पहले से तैयार करना बेहद ही जरूरी हो जाती है. इस कड़ी में जानते हैं कि डीयू समेत अन्य यूनिवर्सिटी में दाखिला के लिए टीसी या माइग्रेशन में से किसकी जरूरत होती है? साथ ही जानेंगे कि दोनों के बीच क्या फर्क हाेता है.
क्या होती है टीसी ?
12वीं के बाद पहली बार कॉलेज जा रहे छात्रों को शायद टीसी के बारे में पता हो. अक्सर एक स्कूल से दूसरे स्कूल में दाखिला के वक्त टीसी की जरूरत होती है. टीसी का मतलब ट्रांसफर सर्टिफिकेट से है. असल में टीसी सत्यापित करती है कि किसी छात्र ने अपनी पिछली पढ़ाई पूरी कर ली है और वह आगे की पढ़ाई के लिए पात्र है. टीसी का प्रयोग एक स्कूल से दूसरे स्कूल में दाखिला के लिए किया जाता है. इसमें छात्र का नाम, जन्मतिथि अंकित होती है. टीसी स्कूल की तरफ से जारी की जाती है.
क्या होती है माइग्रेशन
12वीं के बाद पहली बार कॉलेज जा रहे छात्रों के लिए शायद माइग्रेशन नया शब्द हो. असल में माइग्रेशन और टीसी दोनों ही अलग-अलग दस्तावेज होते हैं. टीसी का प्रयोग जहां स्कूल में बदलाव के वक्त किया जाता है. तो वहीं माइग्रेशन एक राज्य से दूसरे राज्य में दाखिला के लिए प्रयोग होता है या बोर्ड बदलने पर इसकी जरूरत होती है. इसी तरह यूनिवर्सिटी में दाखिला के लिए माइग्रेशन की जरूरत होती है. माइग्रेशन सर्टिफिकेट एजुकेशन बोर्ड की तरफ से जारी किया जाता है. हालांकि इसके लिए आवेदन स्कूल स्तर पर ही करना होता है.
कॉलेज या यूनिवर्सिटी में दाखिला के लिए किसकी जरूरत?
12वीं के बाद इस महीने लाखों छात्र पहली बार कॉलेज जाएंगे. ऐसे में इस दौरान छात्रों को कई तरह के दस्तावेजों की जरूरत होगी. ऐसे में छात्रों को कॉलेज या यूनिवर्सिटी में दाखिला के लिए टीसी या माइग्रेशन में से किसकी जरूरत होगी? इसे समझने की कोशिश करते हैं. अगर कोई छात्र अपने ही राज्य में स्थित यूनिवर्सिटी में दाखिला ले रहा है तो टीसी से काम चल जाएगा. वहीं राज्य से बाहर दाखिला लेने पर माइग्रेशन सर्टिफिकेट की जरूरत होगी.
डीयू के संदर्भ में इसे समझें तो डीयू में दाखिला के लिए छात्रों को टीसी और माइग्रेशन सर्टिफिकेट दोनों की जरूरत होती है. अगर कोई छात्र दूसरे राज्य से डीयू में दाखिला लेता है तो उन्हें टीसी के साथ ही माइग्रेशन जमा कराना होगा. हालांकि उनके पास ये दस्तावेज नहीं हैं तो वह निर्धारित अवधि तक इन्हें जमा कराने संबंधी शपथ पत्र जमा करा सकता है.
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