आईसीएआई ने हाल ही में सीए फाउंडेशन, सीए इंटर और सीए फाइनल परीक्षा का रिजल्ट जारी किया था. सीए फाइनल में तो मुंबई के राजन काबरा नें टॉप किया है, जबकि सीए फाउंडेशन और इंटरमीडिएट परीक्षा में गाजियाबाद की दो बहनों ने शानदार सफलता हासिल की है. राजनगर एक्सटेंशन की रहने वाली वृंदा अग्रवाल ने सीए फाउंडेशन में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की है, जबकि उनकी बड़ी बहन तुलसी ने सीए इंटरमीडिएट में जिले में पहला स्थान हासिल किया है. उनके पिता नितिन अग्रवाल भी कॉमर्स बैकग्राउंड से ही आते हैं और फिलहाल टैक्स एडवोकेट के तौर पर काम कर रहे हैं.
अपनी बेटियों की इस शानदार सफलता पर नितिन अग्रवाल समेत पूरा परिवार बेहद खुश है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नितिन अग्रवाल ने बताया कि वृंदा ने 12वीं कक्षा से ही सीए फाउंडेशन की तैयारी शुरू कर दी थी और परीक्षा के बाद उन्होंने अपना पूरा ध्यान सीए फाउंडेशन पर केंद्रित कर दिया.
रोजाना 7-8 घंटे की पढ़ाई
सीए फाउंडेशन टॉपर वृंदा अग्रवाल ने अपनी इस सफलता पर बताया कि उन्होंने आईसीएआई के पाठ्यक्रम के अनुसार रोजाना लगभग 7-8 घंटे पढ़ाई की थी और 90.5 प्रतिशत यानी 400 में से 362 अंक हासिल किए. खास बात ये है कि वह अपनी तैयारी के लिए कोचिंग पर निर्भर नहीं रही बल्कि उन्होंने सेल्फ स्टडी की और साथ ही साथ पढ़ाई के लिए यूट्यूब और अन्य प्लेटफॉर्म्स का भी इस्तेमाल किया. इसके अलावा उनके पिता ने भी उनकी तैयारी में काफी मदद की. वृंदा ने इसी साल छबीलदास स्कूल से कॉमर्स स्ट्रीम में 12वीं पास की थी और 98 प्रतिशत अंक हासिल किए थे.
सीए इंटर में गाजियाबाद जिले में किया टॉप
वृंदा की बड़ी बहन तुलसी ने सीए इंटर में 600 में से 404 अंक हासिल कर गाजियाबाद जिले में पहला स्थान हासिल किया है. तुलसी ने पिछले साल 12वीं कॉमर्स स्ट्रीम में 98 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए थे. दोनों बहनों ने अपनी सफलता और बेहतरीन तैयारी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है.
15.09 फीसदी कैंडिडेट हुए पास
आईसीएआई के रिजल्ट आंकड़ों के मुताबिक, कुल 82,662 कैंडिडेट्स ने फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा दी थी, जिनमें से 12,474 कैंडिडेट पास हुए यानी उनका पासिंग प्रतिशत 15.09 फीसदी रहा. जेंडर के आधार पर देखें तो 43,389 पुरुष उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे, जिनमें से 7,056 कैंडिडेट पास हुए यानी उनका पासिंग प्रतिशत 16.26 फीसदी रहा. इसी तरह कुल 39,273 महिला उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 5,418 पास हुईं यानी उनका पासिंग प्रतिशत 13.80 फीसदी रहा.
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