इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (IIT) में पढ़ रहे और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की तैयारी कर छात्रों की आत्महत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए उच्च शिक्षण संस्थानों में आत्महत्याओं पर चिंता व्यक्त की है. इसके साथ ही पीठ ने सुनवाई करते हुए इस मामले में तीन राज्यों की पुलिस से स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है. मामला आईआईटी-दिल्ली, आईआईटी-खड़गपुर में छात्रों की आत्महत्या और राजस्थान के कोटा में नीट की तैयारी कर रही एक छात्रा की आत्महत्या से जुड़ा है. पीठ ने सुनवाई 21 जुलाई के लिए स्थगित कर दी है.
गृह मंत्रालय को पक्षकार बनाया गया
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनवाई करते हुए गृह मंत्रालय को इस मामले में पक्षकार बनाया है. असल में अमाइकस क्यूरी और वरिष्ठ अधिवक्ता अपर्णा भट्ट ने इस मुद्दे पर मंत्रालय से सहायता मांगी थी. साल 2023 में आईआईटी दिल्ली में पढ़ाई के दौरान दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी. इन मामले में दोनों छात्रों के परिजनों ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी थी. पीठ ने सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि इन दोनों मामलों में दर्ज की गई एफआईआर की जांच का स्टेट्स भी वह तलब करे.
सुनवाई के दौरान पीठ ने दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वकील से कहा कि हम देखना चाहते हैं कि जांच में क्या प्रगति हुई है. हम ये भी जानना चाहते हैं कि FIR दर्ज होने के बाद क्या किया है.
इसके साथ ही पश्चिम बंगाल पुलिस से आईआईटी-खड़गपुर की छात्रा आत्महत्या मामले में जांच की जानकारी तलब की गई है. असल में 4 मई को आईआईटी खड़गपुर की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी. 8 मई को इस मामले में FIR दर्ज की गई थी. इसी तरह सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान पुलिस से कोटा में अपने कमरे में लटकी पाई गई नीट परीक्षार्थी की मौत की जांच पर रिपोर्ट तलब की है.
परिजनों ने दायर की है अपील
सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला दो मृतक छात्रों के माता-पिता द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के जनवरी 2024 के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर आया है, जिसमें छात्रों द्वारा आत्महत्या पर FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया गया था. असल में परिजनों ने यह आरोप लगाया था कि अनुसूचित जाति के दोनों छात्रों की हत्या कर दी गई थी और उन्होंने पहले अपने माता-पिता को जातिगत भेदभाव का शिकार होने की बात बताई थी.
असल में आयुष आशना 8 जुलाई, 2023 को अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाए गए, जबकि अनिल कुमार 1 सितंबर, 2023 को अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाए गए. दोनों आईआईटी-दिल्ली में पढ़ रहे थे.
6 सालों में 98 छात्रों ने की आत्महत्या
साल 2023 के आंकड़ों के अनुसार साल 2018 से देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में 98 छात्रों ने आत्महत्या की है, जिनमें से आईआईटी में 39, एनआईटी में 25, केंद्रीय विश्वविद्यालय में 25, आईआईएम में 4, आईआईएसईआर में 3, और दो आईआईआईटी में पढ़ रहे थे. वहीं 23 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कोटा शहर में छात्रों की आत्महत्याओं में वृद्धि पर राजस्थान सरकार से कड़ी पूछताछ की और स्थिति को गंभीर बताया था. कोर्ट ने कहा था कि साल 2025 में अब तक शहर से 14 आत्महत्या के मामले सामने आ चुके हैं.
ये भी पढ़ें:अब फ्री में सीखें कोडिंग और बनाएं करियर, Google समेत ये टॉप विदेशी कॉलेज दे रहे मौका