इस राज्य ने RTE के नियमों में किया बड़ा बदलाव, EWS कोटे से दाखिला के लिए तय किए नए नियम

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 के तहत 6 साल से 14 साल तक के बच्चों को फ्री शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है. इस नियम के तहत देशभर के राज्याें के प्राइवेट स्कूल निम्न आय वर्ग (EWS) कोटे के बच्चों को दाखिला देते हैं. कुछ राज्यों में EWS कोटे के बच्चाें को प्राइवेट स्कूलों की तरफ से दाखिला देने से जुड़ा विवाद सुर्खियां भी बना था. मसलन, प्राइवेट स्कूलों ने EWS कोटे के बच्चाें का दाखिला देने के लिए कक्षाएं निर्धारित कर दी थी. इस मामले में राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राजस्थान सरकार ने आरटीई के नियम में बदलाव करते हुए EWS कोटे से दाखिला के लिए कक्षाएं तय कर दी हैं. इससे बड़ी संख्या में अभिभावकों को राहत मिलेगी.

अब यूकेजी और पहली कक्षा में ही दाखिला

राजस्थान सरकार ने आरटीई के नियम में बदलाव करते हुए प्राइवेट स्कूलों में EWS कोटे से दाखिला के लिए कक्षाएं सीमित कर दी हैं. अब राजस्थान के प्राइवेट स्कूल EWS कोटे के बच्चों को यूकेजी और कक्षा एक में ही दे सकेंगे. इस नियम के तहत प्राइवेट स्कूल बच्चों को फ्री शिक्षा देते हैं.

नर्सरी में लाभ दे रहे थे स्कूल, पहली कक्षा में मना कर रहे थे

राजस्थान में प्राइवेट स्कूल अभी तक कक्षा एक में आरटीई के तहत बच्चों को EWS कोटे से मना कर रहे थे. स्कूलों का तर्क था कि वह बच्चों को नर्सरी कक्षा में ही EWS कोटे में दाखिला देते हैं. इसको लेकर अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई थी. इस वजह से राजस्थान के 1.5 लाख से अधिक EWS कोटे के बच्चे दाखिला के इंतजार में थे. माना जा रहा है कि राजस्थान सरकार के इस फैसले से ऐसे बच्चाें की मुश्किलें कम होंगी.

शिक्षा निदेशालय ने जारी किए निर्देश, इसी सत्र से होगा लागू

राजस्थान में आरटीई के नियमों में हुए बदलाव की जानकारी से शिक्षा निदेशालय ने राज्य के प्राइवेट स्कूलों को अवगत कराया है. इस संबंध में शिक्षा निदेशालय ने प्राइवेट स्कूलों को निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि आरटीई के नए नियमों को इसी सत्र से लागू किया जाए. साथ ही शिक्षा निदेशालय ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि एलकेजी व यूकेजी कक्षा में EWS कोटे से दाखिला होने पर फीस दोबारा जमा नहीं कराई जाएगी.

साथ ही शिक्षा निदेशालय ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि अगर कोई स्कूल आरटीई के नए नियमों का पालन नहीं करता है तो और आरटीई के नियमों के अनुसार दाखिला से इनकार करता है तो ऐसे स्कूलों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

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