Biotechnology vs Biomedical Engineering: बायोटेक्नोलॉजी और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में क्या है अंतर? जानें कौन सा कोर्स देगा करियर को उड़ान

आजकल हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी तेजी से आगे बढ़ रही है. इससे जुड़ी पढ़ाई और करियर के नए-नए रास्ते खुल रहे हैं. ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स के मन में सवाल उठता है कि बायोटेक्नोलॉजी करें या बायोमेडिकल इंजीनियरिंग? दोनों ही फील्ड हेल्थ, रिसर्च और टेक्नोलॉजी से जुड़े हैं, लेकिन इनका काम करने का तरीका और करियर ऑप्शन काफी अलग होता है. बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च की दुनिया है, जबकि बायोमेडिकल इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी से जुड़ा प्रैक्टिकल फील्ड है.

क्या है बायोटेक्नोलॉजी?

जेनेटिक्स, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और दवाओं के काम में दिलचस्पी है, तो बायोटेक्नोलॉजी आपके लिए बढ़िया विकल्प है. इसमें आप वैक्सीन बनाना, नई दवाओं की खोज करना, खेती को बेहतर बनाना जैसे रिसर्च बेस्ड काम करते हैं. इस फील्ड में आगे बढ़ने के लिए मास्टर्स और पीएचडी की भी जरूरत पड़ सकती है.

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में क्या होता है?

अगर आप टेक्नोलॉजी, मशीन और मेडिकल साइंस से रोबोटिक सर्जरी मशीन, हेल्थ मॉनिटरिंग डिवाइस या कृत्रिम अंग जैसा कुछ नया एक्सपेरिमेंट करना चाहते हैं तो बायोमेडिकल इंजीनियरिंग आपके लिए बेस्ट है. इसमें फिजिक्स, मैकेनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स का इस्तेमाल करके मरीजों की जिंदगी आसान बनाने वाले उपकरण डिजाइन किए जाते हैं.

जॉब के मौके कहां मिलते हैं?

बायोटेक्नोलॉजी पढ़ने वाले छात्रों को फार्मा कंपनियों, रिसर्च लैब, बायोटेक स्टार्टअप्स और वैक्सीन डेवलपर्स में काम मिलता है. रिसर्च साइंटिस्ट, मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट और क्लिनिकल रिसर्चर जैसे रोल मिल सकते हैं.

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग वाले छात्र मेडिकल डिवाइस कंपनियों, अस्पतालों और हेल्थ स्टार्टअप्स में काम करते हैं. क्लिनिकल इंजीनियर, डिवाइस डिजाइनर और हेल्थ टेक्नोलॉजी स्पेशलिस्ट जैसे पदों पर मौका मिलता है.

कौन-सा कोर्स है सही?

लैब में बैठकर रिसर्च करना अच्छा लगता है और आप जीवन को बदलने वाली दवाओं और जेनेटिक खोजों में रुचि रखते हैं, तो बायोटेक्नोलॉजी चुनिए.
अगर आप मशीनों और तकनीक से हेल्थ प्रॉब्लम का हल निकालने में रुचि रखते हैं और प्रैक्टिकल काम में मजा आता है तो बायोमेडिकल इंजीनियरिंग अच्छा ऑप्शन है.

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