Miranda House: DU के इस टॉप कॉलेज का नाम कैसे पड़ा मिरांडा हाउस? दिलचस्प है कहानी

मिरांडा हाउस दिल्ली यूनिवर्सिटी के टॉप कॉलेजों में से एक है, जहां से पढ़ाई करने का सपना देशभर की लड़कियां देखती हैं. असल में यह एक गर्ल्स कॉलेज है, जो 75 साल से भी अधिक पुराना है. इस कॉलेज से कई मशहूर हस्तियों ने पढ़ाई की है, जिसमें दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, भारत की पहली महिला लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार, सीपीआईएम नेता वृंदा करात, स्वरा भास्कर और मल्लिका शेरावत जैसी एक्ट्रेस भी शामिल हैं. वैसे तो यह कॉलेज अपनी पढ़ाई के लिए मशहूर है, पर क्या आप जानते हैं कि आखिर इसका नाम मिरांडा हाउस ही क्यों पड़ा? इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है. आइए जानते हैं उसके बारे में.

पिछले साल राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क यानी एनआईआरएफ (NIRF) रैंकिंग में इस कॉलेज को दिल्ली यूनिवर्सिटी के टॉप कॉलेजों में दूसरा स्थान मिला था और उससे पहले यानी 2023 में भी यह कॉलेज रैंकिंग में दूसरे स्थान पर ही था. अगर उससे की बात करें तो 2017 से लेकर 2022 तक मिरांडा हाउस लगातार पहले स्थान पर रहा था.

CUET स्कोर से मिलता है एडमिशन

इस कॉलेज में सीयूईटी स्कोर के आधार पर एडमिशन मिलता है. अभी हाल ही में दिल्ली यूनिवर्सिटी ने एडमिशन के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी की थी, जिसके आधार पर 85 प्रतिशत से भी अधिक सीटें भर गई हैं. अब 28 जुलाई को डीयू अपनी दूसरी लिस्ट जारी करेगा, जिससे बची हुईं सीटें भरने की उम्मीद है. हालांकि उसके बाद भी अगर कुछ सीटें खाली रह जाती हैं, तो फिर तीसरी लिस्ट जारी की जाएगी. यहां आर्ट्स, साइंस और सोशल साइंस के विभिन्न अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्स हैं, जिसमें हिस्ट्री (ऑनर्स), इंग्लिश (ऑनर्स) और मैथ्स (ऑनर्स) आदि शामिल हैं.

33 छात्रों से हुई थी शुरुआत

मिरांडा हाउस कॉलेज की शुरुआत साल 1948 में 33 छात्रों से हुई थी, जो उसी साल बढ़कर 100 से अधिक हो गई थी. वहीं, 1997-98 में छात्रों की संख्या 2 हजार से भी अधिक हो गई थी. अगर शैक्षणिक कर्मचारियों की बात करें तो 1948 में 6 कर्मचारी थे, जो 1997-98 तक बढ़कर 100 से भी अधिक हो गई, जिसमें स्थायी और अस्थायी दोनों तरह के कर्मचारी थे.

नाम कैसे पड़ा मिरांडा हाउस?

इस कॉलेज का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प रहा है. साल 1948 में मिरांडा हाउस की स्थापना दिल्ली यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलपति सर मौरिस ग्वायेर ने की थी. साल 1952 में एक पत्रिका प्रकाशित हुई थी, जिसमें सर मौरिस ग्वायेर ने कॉलेज का नाम मिरांडा हाउस रखने के पीछे के तीन कारण बताए थे. इसमें पहला था कि उनकी पसंदीदा एक्ट्रेस कारमेन मिरांडा थीं और दूसरा ये था कि उनकी बेटी का नाम मिरांडा था.

वहीं, तीसरा कारण ये था कि विलियम शेक्सपियर का एक नाटक है ‘द टेम्पेस्ट’, जिसमें मिरांडा नाम का एक पात्र है. एक महिला कैसी होनी चाहिए, ये पात्र उसका एक आदर्श उदाहरण है. कॉलेज का नाम मिरांडा हाउस होने की वजह से ही यहां के पूर्व छात्र-छात्राएं मिरांडियन के नाम से जाने जाते हैं.

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