DU UG Admission: दिल्ली यूनिवर्सिटी अंडर ग्रेजुएशन यानी डीयू यूजी दाखिला प्रक्रिया अपने पीक पर है. पहली लिस्ट के आधार पर दाखिला प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इसके बाद डीयू ने यूजी की खाली सीटों का ब्यौरा भी जारी कर दिया है. इसके साथ ही दाखिला के लिए दूसरी लिस्ट जारी करने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. इस लिस्ट से कई छात्रों को बड़ी उम्मीद है, लेकिन दाखिला के आंकड़ों को समझें तो डीयू की दूसरी लिस्ट से बड़ी उम्मीद करना ठीक नहीं होगा. मसलन, पहली लिस्ट में सीट अपग्रेड करने वालों को भी दूसरी लिस्ट में झटका लग सकता है. ऐसा क्यों ? आइए इसे विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं.
पहली लिस्ट से दाखिला का गणित
डीयू यूजी दाखिला के लिए 28 जुलाई को जारी होने वाली दूसरी लिस्ट से दाखिला की संभावित तस्वीर को समझने के लिए पहले लिस्ट से हुए दाखिला का गणित समझना होगा. असल में पहली लिस्ट से ही डीयू यूजी की 85 फीसदी से अधिक सीटें फुल हाे गई हैं.
मसलन, डीयू में यूजी की 71624 सीटें हैं. पहली लिस्ट में62,565 छात्रों ने फीस जमा कराते हुए अपना दाखिला सुनिश्चित करवा लिया है. हालांकि दाखिला पक्का करवाने वाले इन 62 हजार से अधिक छात्रों में से43,741 छात्रों ने सीट अपग्रेड का विकल्प चुना है. यानी इन छात्रों को दूसरी लिस्ट में मनपसंद कॉलेज और कोर्स मिलने की उम्मीद है.
दूसरी लिस्ट से उम्मीद क्यों ना करें?
डीयू में पहली लिस्ट के आधार पर हुए दाखिला के आधार पर बची हुई सीटों की बात करें तो लगभग 9 हजार सीटें ही दूसरी लिस्ट के लिए बची हैं. तो वहीं पहली लिस्ट में ही सीट का अपग्रेड का विकल्प चुनने वाले छात्रों की संख्या 43 हजार से अधिक है. ऐसे में माना जा रहा है कि दूसरी लिस्ट में सीट आंवटित होने और सीट अपग्रेड करने वाले छात्रों को ये लिस्ट झटका दे सकती है.
इसकाे समझने के लिए डीयू की तरफ से जारी खाली सीटों के ब्यौरे को देखने की जरूरत है. असल में पहली लिस्ट से दाखिला के बाद डीयू के सभी कॉलेजों में प्रमुख कोर्सों की सीटें फुल हो गई हैं. कुछ कॉलेजों में साइंस स्ट्रीम की सीटें बची जरूर है, लेकिन ये काेर्स शुरू से ही बेहद कम डिमांडिंग रहते हैं. तो वहीं भाषा आधारित कोर्सों में सीटें खाली हैं.
ऐसे में माना जा रहा है कि दूसरी लिस्ट से बेशक 9 हजार छात्रों को दाखिला का मौका मिलेगा, लेकिन उनके पास पसंदीदा कोर्स और कॉलेज में दाखिला का विकल्प बेहद ही कम होगा. इसी तरह पहली लिस्ट में सीट अपग्रेड करने वाले कुछ हजार छात्रों को ही दूसरी लिस्ट में पंसदीदा कॉलेज या कोर्स मिलने की उम्मीद बेहद कम है. इसी वजह से माना जा रहा है कि डीयू यूजी दाखिला के लिए जारी होने वाली दूसरी लिस्ट से बड़ी उम्मीद करना ठीक नहीं होगा.
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