ओल्ड राजेंद्र नगर से लौटकर: ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राॅउस IAS स्टडी सर्किल में 27 जुलाई 2024 को घटित हुए एक हादसे ने देश को झकझाेर कर रख दिया था. इस दिन बाहर बारिश हो रही थी और इस बारिश से बेपरवाह छात्र अपनी यूपीएससी की तैयारियों को जारी रखते हुए स्टडी सेंटर के बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे. अचानक सड़कों पर भरा पानी स्टडी सेंटर के बेसमेंट में आ गया. कुछ ही देर में बेसमेंट में पानी भर गया. कई छात्रों को बेसमेंट से सकुशल निकलने में सफलता मिली, लेकिन बेसमेंट में पानी भरने की वजह से तीन छात्रों की मौत हो गई.
इस घटना के एक साल बीत जाने के बाद यूपीएससी कोचिंग सेंटर का हब माने जाने वाले ओल्ड राजेंद्र नगर में कितना बदलाव हुआ है, ये जानने के लिए TV9 ने ग्राउंड पर जाकर पड़ताल की. आइए इसे विस्तार से समझते हैं.
कोचिंग सेंटरों के बीच जारी कॉम्पिटिशन, एजेंटों को युवाओं की तलाश
करोलबाग मेट्रो स्टेशन से नीचे उतरते ही कोचिंग सेंटरों के बीच जारी कॉम्पिटिशन को महसूस किया जा सकता है. मुख्य सड़क से लगते फुटपाथ पर कोचिंग सेंटर के एजेंट बड़ी संख्या में मौजूद थे. सभी के हाथों में कोचिंग सेंटर के पंपलेट नजर आए. एजेंट राहगीरों से आने का मकसद पूछते दिखे तो वहीं युवा राहगीर उनकी पारखी नजरों के फोकस में थे. कुल जमा उनका मकसद UPSC कोचिंग के लिए आने वाले युवाओं को अपनी कोचिंग सेंटर के ऑफिस पहुंचाना है. हालांकि इसे नजरअंदाज करते हुए हमने ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित बड़ा बाजार जाने का पता पूछा तो एजेंट ने पलटकर पूछ लिया कि क्या कोचिंग तलाश रहे हैं ? मना करने पर रेड लाइट से लेफ्ट जाने का इशार किया.
राॅउस IAS स्टडी सेंटर की बिल्डिंग पर For Rent का बोर्ड
करोलबाग मेट्रो स्टेशन पर स्थित रेड लाइट से थोड़ा पहले ही बायीं तरफ ओल्ड राजेंद्र नगर के लिए रास्ता शुरू हो जाता है. थोड़ा से दूर चलते ही कई और एजेंट सड़कों पर खड़े दिखे. तो वहीं सड़कों पर छात्रों की रौनक नजर आई. इस दौरान एक एजेंट से राॅउस IAS स्टडी सेंटर का पता पूछने पर वह बडे़ हनक से उस बिल्डिंग को दिखाता है, जहां पर एक साल पहले तक स्टडी सेंटर संचालित हाे रहा था.
साथ ही एजेंट पूछता है कि क्या आपको भी कोचिंग चाहिए. मना करने पर भी वह बताता है कि इस सेंटर की फैकेल्टी अब उनकी कोचिंग में पढ़ाने लगी है. नाम पूछने पर वह अपना नाम धीरेंद्र चौधरी बताता है, लेकिन फोटो खींचवाने से मना करते हुए कहता है कि ये बिल्डिंग उस समय नई बनी थी, लेकिन बेसमेंट में छात्रों की मौत के बाद इसे बंद कर दिया गया है. अब इसे किराए पर दिया जा रहा है. इस वजह से इसमें For Rent के बोर्ड लगाए हुए हैं. हालांकि दूसरा एजेंट कोचिंग सेंटर के बंद होने की बात को काटते हुए कहता है कि ये गलत है. अभी बाराखंभा रोड पर राॅउस IAS कोचिंग चल रही है.
इस दौरान कुछ छात्र अपने परिजनों के साथ यूपीपीएस कोचिंग के लिए पता करने के लिए आए हुए हैं. उनमें से एक झारखंड के सुकेश कुमार भी हैं. सुकेश कहते हैं कि वह इसी साल से UPSC की तैयारियां शुरू करने जा रहे हैं. इसके लिए उन्होंने ओल्ड राजेंद्र नगर को चुना है. बीते साल हुई घटना के बारे में पूछने पर वह ठीक से जबाव नहीं देते, लेकिन साथ खड़े एजेंट जबाव देते हुए कहते हैं कि अब उस घटना का असर अब नहीं है. शुरुआती महीनों में छात्र यहां से गए थे, लेकिन अब छात्रों की रौनक लौटने लगी है.
छात्रों का सिर्फ खर्च बढ़ा, समस्या का समाधान नहीं
पड़ताल के लिए छात्रों से मुलाकात करने के उद्देश्य से अगला पड़ाव बड़ा बाजार मदर डेयरी स्थित मार्केट है. यहां हमारा इंतजार पिछले तीन सालों से यूपीएससी की तैयारी कर रहे प्रशांत शुक्ल कर रहे हैं. प्रशांत ने बेसमेंट में पानी भरने से हुई तीन छात्रों की मौत के बाद हुए छात्र प्रदर्शन का नेतृत्व किया था. प्रशांत बताते हैं कि इस घटना के बाद बहुत कुछ बदलाव हुआ है, लेकिन इससे सिर्फ छात्रों के खर्च बढ़े हैं.
मूलरूप से गोरखपुर के रहने वाले प्रशांत शुक्ल बताते हैं कि ओल्ड राजेंद्र नगर में इंग्लिश मीडियम के छात्राें के लिए अधिक कोचिंग सेंटर हैं. इसी वजह से देशभर के छात्र यहां पर कोचिंग के लिए आते हैं. वह बताते हैं कि पिछले साल की घटना के बाद बेसमेंट में किसी भी तरह की व्यवसायिक गतिविधियों को बंद कर दिया गया है, लेकिन इससे छात्रों का खर्च बढ़ा है. मसलन, कोचिंग फीस से लेकर, लाइब्रेरी, भोजन, किराए तक के खर्च में बढ़ाेतरी हुई है. वहीं मूलत बिहार के रहने वाले सुभाष ठाकुर कहते हैं कि पिछले साल की घटना के बाद छात्रों की मुश्किल बढ़ गई हैं. अधिकांश छात्र सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं. यहां पर मकान मालिक दूसरी जगहों पर रहते हैं और मकानों पर ब्रोकरों का कब्जा है, उन्होंने घर का किराया मनमाने ढंग से बढ़ाया हुआ है.
सड़कों पर जारी है काम
इस दौरान प्रशांत शुक्ल सड़कों का पिछले साल हुई घटना का मुख्य कारण सड़कों पर पानी भरना और जल निकासी का ना होना था. छात्रों की मौत के बाद शुरू हुए छात्र आंदोलन में हमने मुख्य तौर पर जल निकासी की व्यवस्था करने, रास्तों को ठीक करने, सड़कों पर फैले बिजली के तारों को ठीक करने की मांग की थी. प्रशांत कहते हैं कि इस पर अमल करते हुए काम जरूर शुरू हुआ है, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी अभी भी काम जारी है. फुटपाथ का बुरा हाल है. प्रशांत कहते हैं कि अभी बीते दिनों ही उनके दाेस्त का पैर फुटपाथ पर बने गड्डे में फंस गया था, जो मौजूदा वक्त में घायल अपने रूम पर पड़ा हुआ है. तो वहीं सड़कों पर बिजली के तारे अभी फैले हुए हैं.
बेसमेंट की चेकिंग के लिए नियमित जांच
यूपीएससी छात्रों की परेशानी समझने के बाद हमने कोचिंग संचालक से बात करने का फैसला लिया. वापसी में स्टडी IAS के एसोसिएट मैनेजर संतोष गौतम से बात की. संतोष बताते हैं कि उस घटना के बाद से सभीबेसमेंट बंद कर दिए गए हैं, बेसमेंट में कोचिंग क्लास और लाइब्रेरी का संचालन पूरी तरह से बंद हैं. निगम अधिकारी इसकी जांच के लिए नियमित तौर पर विजिट करते हैं. वह कहते हैं कि पिछले साल छात्रों की मौत के बाद एक समय था कि यहां से अन्य छात्र लौट गए थे, लेकिन अब उस घटना का असर नहीं है. छात्रों की संख्या में फिर बढ़ाेतरी हुई है.
पहला भाग –वो 7 घंटे… शाम 6.30 बजे राॅउस IAS के बेसमेंट में पानी भरने की कॉल…रात डेढ़ बजे निकाले गए 3 छात्रों के शव