ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित रॉउस IAS स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से एक साल पहले तीन छात्रों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र सड़कों पर उतर आए थे. नतीजतन प्रशासन ने समाधान के तौर पर बेसमेंट में किसी भी तरह की व्यवसायिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी, लेकिन प्रशासन का ये समाधान अब छात्रों पर ही भारी पड़ रहा है.
मसलन, बेसमेंट बंदी के फरमान के चलते ओल्ड राजेंद्र नगर में संचालित हो रही 80 फीसदी लाइब्रेरी बंद हो गई हैं. इससे यूपीएससी अभ्यर्थियों का एक तरफ जहां खर्च बढ़ गया है तो वहीं दूसरी तरफ उनको पढ़ाई भी इससे प्रभावित हाे रही है.
पहले 300 से अधिक लाइब्रेरी अब 50 का ही संचालन
ओल्ड राजेंद्र नगर को यूपीएससी कोचिंग हब माना जाता है. यहां देशभर से छात्र यूपीएसससी की तैयारी यानी कोचिंग करने के लिए आते हैं. एक साल पहले तक ओल्ड राजेंद्र नगर की मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक में कई लाइब्रेरियां संचालित होती थी, लेकिन मौजूदा वक्त में कुछ चुनिंंदा लाइब्रेरी ही ओल्ड राजेंद्र नगर में संचालित हो रही हैं.
पिछले तीन साल से ओल्ड राजेंद्र नगर में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे प्रशांत शुक्ल कहते हैं कि एक साल पहले तक यहां पर 300 से अधिक लाइब्रेरी थी. प्रशांत बताते हैं कि एक साल पहले बेसमेंट में पानी भरने की वजह से तीन छात्रों की मौत हो गई थी. उसके बाद प्रशासन ने बेसमेंट बंदी का फरमान जारी किया. इस वजह से अब 300 में से सिर्फ 50 से अधिक लाइब्रेरी ही यहां पर संचालित हो रही हैं.
वह बताते हैं कि इसका मुख्य कारण ये था कि अधिकांश लाइब्रेरी बेसमेंट में ही संचालित होती थी, अब बेसमेंट बंदी के फरमान की वजह से कई लाइब्रेरी वालों का समान बेसमेंट में ही फंसा हुआ है.
वहीं लाइब्रेरी बंदी को लेकर स्टडी IAS के एसोसिएट मैनेजर संतोष गौतम कहते हैं कि ये सच हैं कि ओल्ड राजेंद्र नगर में संचालित 80 फीसदी लाइब्रेरियां बंद हो गई हैं. क्योंकि वह बेसमेंट में संचालित हो रही थी, लेकिन ये लाइब्रेरी संकट जैसी स्थिति नहीं है. कोचिंग संंस्थान छात्रों को लाइब्रेरी सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं.

80 फीसदी लाइब्रेरी बंद हो गई
लाइब्रेरी का खर्च दोगुना हुआ
ओल्ड राजेंद्र नगर में लाइब्रेरी का संकट गहराने से छात्रों की परेशानी बढ़ी है. नतीजतन छात्रों का लाइब्रेरी खर्च दो गुना तक बढ़ गया है. पिछले दो सालों से ओल्ड राजेंद्र नगर में रह कर यूपीएससी की तैयारी कर रहे राजस्थान के राजेश कुमार कहते हैं कि बेसमेंट में संचालित लाइब्रेरी का खर्च प्रति महीने 1500 से 2000 रुपये तक था. अब, जब बेसमेंट में संचालित लाइब्रेरी बंद हो गई हैं, लाइब्रेरी संचालित हो रही हैं, उनमें महीने का सब्सक्रिप्शन 3500 से 5000 रुपये तक है.
वहीं यूपीएससी की तैयारी कर रहे सुभाष ठाकुर कहते हैं कि बेसमेंट का किराया कम होता था, तो संचालक भी कम फीस वसूलते थे. अब, जब लाइब्रेरी ऊपरी फ्लोर पर संचालित हो रही हैं तो उनका किराया बढ़ा है. इसका भार भी छात्रों पर ही पड़ा है.
एक सरकारी लाइब्रेरी पर संसाधान नाकाफी
ओल्ड राजेंद्र नगर में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे प्रशांत शुक्ल कहते हैं कि तीन छात्रों की मौत के बाद छात्रों ने प्रदर्शन किया था. उस प्रदर्शन में छात्रों ने यहां लाइब्रेरी की समुचित व्यवस्था करने की मांग की थी. उसके बाद पिछले साल दिसंबर में दिल्ली के उपराज्यपाल सिंधी पार्क में एक लाइब्रेरी का उद्घाटन किया था. उस लाइब्रेरी में 8-8 घंटे के तीन रोटेशन तय हैं, एक रोटेशन की फीस एक हजार रुपये हैं. बेशक ये किफायती फीस है, लेकिन इस सरकारी लाइब्रेरी में संसाधान नाकाफी है.
पहला भाग वो 7 घंटे शाम 6.30 बजे राॅउस IAS के बेसमेंट में पानी भरने की कॉलरात डेढ़ बजे निकाले गए 3 छात्रों के शव
दूसरा भाग:Ground Report: रॉउस बिल्डिंग पर For Rent के बोर्ड, सेंटर्स में रौनक, सड़कें अभी भी बेहाल कोचिंग हादसे को एक साल, क्या कुछ बदला?