NEP 2020 के वो 6 बदलाव, जो हर छात्र-पैरेंट्स और टीचर्स को पता होने चाहिए

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 ने देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने, सीखने और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव किए हैं. इसमें 3 साल की उम्र में स्कूल शुरू करने से लेकर कॉलेज डिग्री लेने, अनिवार्य शिक्षक योग्यता और भारतीय ज्ञान पर आधारित नए जमाने के पाठ्यक्रमों तक शामिल हैं. इन बदलावों के बारे में हर छात्र से लेकर पैरेंट्स और यहां तक कि शिक्षकों को भी जानकारी होनी चाहिए. आइए जानते हैं उन 6 बड़े बदलावों के बारे में, जो प्रत्येक छात्र, अभिभावक और शिक्षक को पता होना चाहिए.

एंट्री-एग्जिट ऑप्शन के साथ 4 वर्षीय UG प्रोग्राम

एनईपी 2020 ने कई एंट्री और एग्जिट ऑप्शन के साथ नए 3 और 4 वर्षीय अंडर-ग्रेजुएट (UG) प्रोग्राम शुरू किए हैं. प्रोग्राम में एक साल के बाद पढ़ाई छोड़ने का विकल्प चुनने वाले छात्रों को एक सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा या 3 या 4 वर्षीय प्रोग्राम के बाद ग्रेजुएशन की डिग्री दी जाएगी.

3 साल की उम्र से शुरू होती हैं क्लासेज

पहले 10+2 स्ट्रक्चर में 10 साल की प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा और दो साल की उच्चतर माध्यमिक शिक्षा शामिल थी, लेकिन अब एनईपी 2020 के तहत शुरू किया गया नया स्ट्रक्चर क्लास स्ट्रक्चर को चार कैटेगरी में बांटता है.

  • फाउंडेशनल स्टेज (उम्र 3-8): इसमें प्री-स्कूल के 3 साल (उम्र 3-5) और कक्षा 1-2 (उम्र 6-7) शामिल हैं
  • प्रारंभिक चरण (उम्र 8-11): कक्षा 3-5वीं
  • मध्य चरण (उम्र 11-14): कक्षा 6-8वीं
  • माध्यमिक स्तर (उम्र 14-18): कक्षा 9-12वीं

परख सर्वेक्षण

एनईपी 2020 ने परख सर्वेक्षण शुरू किया है, जिसका उद्देश्य छात्रों के मूल्यांकन के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है. उदाहरण के लिए, इस सर्वेक्षण में यह आकलन किया जाता है कि कक्षा 3 के कितने प्रतिशत छात्र पढ़-लिख सकते हैं और कितने छात्र 100 रुपये से साधारण लेन-देन कर सकते हैं. यह सर्वेक्षण दिसंबर 2024 में किया गया था और रिजल्ट जुलाई 2025 में जारी किए गए थे, जिसमें कक्षा 3, 6 और 9वीं में सीखने की क्षमता में काफी कमी देखी गई थी.

वोकेशनल एजुकेशन

वोकेशनल एजुकेशन में किसी पार्टिकुलर जॉब के लिए टीचिंग प्रैक्टिकल स्किल और नॉलेज सिखाना शामिल है. 12वीं पंचवर्षीय योजना में अनुमान लगाया गया था कि 19-24 साल के उम्र के सिर्फ 5 प्रतिशत भारतीय छात्रों की वोकेशनल एजुकेशन तक पहुंच थी, जबकि अमेरिका, जर्मनी और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में ये संख्या क्रमशः 52, 75 और 96 प्रतिशत थी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य 2025 तक मिडिल और सेकेंड्री स्कूलों में कम से कम 50 प्रतिशत छात्रों की वोकेशनल एजुकेशन तक पहुंच बनानी है.

इंडियन नॉलेज सिस्टम पर नया कोर्स

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में माध्यमिक स्कूलों के छात्रों के लिए इंडियन नॉलेज सिस्टम पर एक वैकल्पिक कोर्स शुरू किया गया है. इस कोर्स में प्राचीन भारत के ज्ञान और आधुनिक भारत में उसके योगदान को शामिल किया गया है. ये नया कोर्स मैथ्स, एस्ट्रोनॉमी, दर्शनशास्त्र, योग, वास्तुकला, मेडिसिन, कृषि, इंजीनियरिंग, भाषा विज्ञान, साहित्य, खेलकूद, शासन और राजनीति जैसे विभिन्न विषयों को इंटीग्रेट करेगा.

टीचिंग के लिए कम से कम 4 साल की डिग्री जरूरी

शिक्षक बनने के लिए कैंडिडेट्स को अनिवार्य रूप से चार साल की इंटीग्रेट बीएड कोर्स पूरा करना होगा. यह चार वर्षीय प्रोग्राम डूअल-मेजर वाला होगा, जिसमें इतिहास, संगीत, गणित, कंप्यूटर विज्ञान, रसायन विज्ञान, अर्थशास्त्र, आर्ट्स और शारीरिक शिक्षा जैसे स्पेशलाइज्ड सब्जेक्ट के साथ बीएड शामिल होगा. यह प्रोग्राम 2030 तक शिक्षक की भूमिका के लिए जरूरी न्यूनतम योग्यता बन जाएगा.

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