उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था के हालात किसी से छिपे नहीं है. पर्वतीय प्रदेश उत्तराखंड की स्कूली शिक्षा बेपटरी हो चुकी है. बेशक गांवों में स्कूल संचालित हो रहे हैं, लेकिन कई स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है तो इसके साथ ही इन स्कूलों में समुचित संसाधनों का भी अभाव है. अब इन स्कूलों को पटरी पर लाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक अहम कदम उठाया है, जिसके तहत उत्तराखंड के 550 सरकारी स्कूलों को उद्याेगपति व प्रवासी उत्तराखंडी गोद लेंगे. पूरी कवायद सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने की है. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
CSR फंड से सरकारी स्कूलों की बदलेगी सूरत
असल में उत्तराखंड सरकारकॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) फंड के माध्यम से सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने की योजना पर काम कर रही है. इसी कड़ी में बुधवार को राजधानी देहरादून स्थितराजभवन में ‘भविष्य के लिए तैयार स्कूलों के निर्माण’ नाम से एक कार्यक्रम आयोजित किया. इस दौरान उद्याेगपतियों ने सरकारी स्कूलों को गोद लेने पर सहमति जताई.
MOU हुआ, अब SOP बनाएगी सरकार
राजभवन में बुधवार को आयोजित हुए कार्यक्रम के दौरान सरकारी स्कूलों को गोद लेने को लेकर औद्याेगिक घरानों और राज्य सरकार के बीच करार हुआ है. जानकारी के मुताबिक सरकारी स्कूलों के गोद लेने में आईजीएल, ताज ग्रुप, रिलैक्सो फुटवियर, कन्विजीनियस जैसे औद्योगिक घरानों ने करार पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके बाद अब राज्य सरकार ऐसे सरकारी स्कूलों के संचालन को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाएगी.
स्कूलों में ये होगा बदलाव
CSR फंड के जरिए उत्तराखंड के 550 सरकारी स्कूलों की सूरत बदलने की योजना है. इस पूरी योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पुस्तकालय,मॉडल क्लास रूम, साइंस लैब, कंप्यूटर लैब विकसित की जाएंगी. इसके साथ ही स्कूलों में नए फर्नीचर, शौचालय, खेल सामग्री, खेल मैदान जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी.
प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी
इसको लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के 550 सरकारी स्कूलों को औद्याेगिक समूहों और प्रवासी उत्तराखंडियों की तरफ से गोद लिया जा रहा है. ये अपने आपमें एक ऐतिहासिक निर्णय है, इससे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत मिलेगी.
वहीं उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि इस संबंध में हमने 294 उद्योगपतियों से बातचीत की थी, जिसमें से 280 उद्योगपतियों ने स्कूलों को गोद लेने को लेकर सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही स्कूलों के पुरातन छात्र भी अपने स्कूलों को गोद लेना चाहते है. अब जल्द ही सरकार इसके लिए SOP तैयार करेगी.
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