Tamil Nadu Education Policy: देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू हुए 5 साल बीत गए हैं. इस दौरान एनईपी 2020 के क्रियान्वयन को लेकर देश के कई राज्यों में विवाद सामने आ चुका है. मुख्य तौर पर महाराष्ट्र और तमिलनाडु में एनईपी 2020 के तीन भाषा फार्मूले की वजह से विवाद गहरा गया था. मसलन,हिंदी की अनिवार्यता को लेकर बीते दिनों राजनीतिक पारा गरमा गया था. इसे देखते हुए तमिलनाडु सरकार ने एनईपी 2020 को लागू नहीं करने का फैसला लिया था. अब तमिलनाडु ने नई राज्य शिक्षा नीति (SEP) 2025 लॉन्च की है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य की नई शिक्षा नीति 2024 को लॉन्च किया है. आइए जानते हैं कि तमिलनाडु की एसईपी 2025 क्या खास है? ये कैसे एनईपी 2020 से अलग है?
सिर्फ इंग्लिश-तमिल में पढ़ाई, हिंदी की अनिवार्यता नहीं
एनईपी 2020 जहां तीन भाषा फार्मूले पर आधारित है, जिसमें हिंदी और अंग्रेजी के साथ ही प्रादेशिक भाषाओं को भी जगह दी गई है. तो वहीं तमिलनाडु सरकार की एसईपी 2025 सिर्फ दो भाषा आधारित हैं. इसमें इंग्लिश और तमिल में पढ़ाई की वकालत की गई है और हिंदी की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है.
एसईपी 2025 में कोई नहीं होगा 10वीं में फेल
तमिलनाडु सरकार की नई शिक्षा नीति यानी एसईपी 2025 में छात्रों को 10वीं की बोर्ड परीक्षा से भी राहत दी है. मसलन, एसईपी 2025 में ये स्पष्ट किया गया है कि 10वीं में किसी को भी फेल नहीं किया जाएगा. हालांकि एनईपी 2020 में भी 10वीं की परीक्षा को सरल बनाया गया है और साल में दो बार परीक्षा कराने का प्रावधान किया गया है, लेकिन पढ़ने में कमजोर बच्चों को पढ़ाई में मजबूत करने के लिए 8वीं में भी फेल करने की व्यवस्था की गई है. इसके विपरीत तमिलनाडु की एसईपी 2025 में अब 10वीं तक कोई फेल नहीं होगा.
राज्य की यूनिवर्सिटी में दाखिला 12वीं के नंबरों पर
एनईपी 2020 में ग्रेजुएशन की सीटों में दाखिला के लिए काॅमन एंट्रेंस टेस्ट की वकालत की थी. इस पर अमल करते हुए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) UG का आयोजन किया जाता है. इसके उलट तमिलनाडु की एसईपी 2025 में यूनिर्वसिटी दाखिला यानी ग्रेजुएशन की सीटों में एडमिशन के लिए 11वीं और 12वीं के नंबरों को आधार बनाया जाएगा. तमिलनाडु की एसईपी 2025 राज्य में संचालित सभी बोर्डों के स्कूलों में लागू होगी.
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