दिल्ली यूनिवर्सिटी की शानदार उपलब्धि, हासिल किया NAAC A++ ग्रेड, जानें क्या हैं इसके मायने

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. देश की इस टॉप यूनिवर्सिटी को NAAC A++ ग्रेड मिला है. राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा बीते 8 अगस्त को घोषित संस्थागत मूल्यांकन एवं प्रत्यायन साइकिल 2 में डीयू को ये सर्वोच्च ग्रेड A++ ग्रेड मिला. विश्वविद्यालय ने 3.55 का सीजीपीए हासिल किया है. यह ग्रेड साल 2029 तक यानी पांच सालों के लिए वैलिड है. डीयू की इस शानदार उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि पिछले साइकिल यानी 2018 में दिल्ली यूनिवर्सिटी को 3.28 के CGPA के साथ A+ ग्रेड मिला था, लेकिन इस बार A++ ग्रेड मिला है. उन्होंने कहा कि डीयू के ग्रेड में ये सुधार यूनिवर्सिटी की गुणवत्ता, एजुकेशन और रिसर्च इनोवेशन के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

कुलपति ने कहा, ‘NAAC A++ ग्रेड हासिल करना विश्वविद्यालय के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है और हमारे पूरे विश्वविद्यालय और इससे जुड़े सभी लोगों के लिए गौरव की बात है. यह मान्यता हमारे फैकल्टी, छात्रों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और पूर्व छात्रों के अटूट समर्पण, प्रतिबद्धता और सामूहिक प्रयास का परिणाम है. यह उपलब्धि प्रेरणा का काम करेगी, जो हमें और भी ऊंचे मानक स्थापित करने, एजुकेशन और रिसर्च के लिए प्रेरित करेगी’.

लखनऊ के KGMU को भी मिला A++ ग्रेड

दिल्ली यूनिवर्सिटी के अलावा लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) ने भी राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा आयोजित लेटेस्ट एसेसमेंट साइकिल में A++ ग्रेड हासिल किया है. केजीएमयू को 3.67 सीजीपीए मिला है, जिससे यह संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के बाद ये उपलब्धि हासिल करने वाला उत्तर प्रदेश का दूसरा मेडिकल संस्थान बन गया है. इसके अलावाओडिशा के बरहामपुर विश्वविद्यालय को भी NAAC मान्यता चक्र में A ग्रेड मिला है, जो 5 सालों के लिए वैलिड रहेगा.

हायर एजुकेशन में गुणवत्ता का मानक है NAAC

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी (UGC) के अंतर्गत ये स्वायत्त निकाय NAAC करिकुलम, रिसर्च, इनोवेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टूडेंट सपोर्ट सिस्टम सहित कई मानदंडों के आधार पर संस्थानों का मूल्यांकन करता है. हालांकि इस प्रक्रिया में भागीदारी स्वैच्छिक होती है, लेकिन इसे हायर एजुकेशन में पारदर्शिता और गुणवत्ता का एक मानक माना जाता है.

ये भी पढ़ें: कौन हैं CBSE के चेयरमैन राहुल सिंह? बिहार कैडर के IAS ऑफिसर, अब चर्चा में क्यों?