Students Suicide Prevention Website: वेबसाइट से स्टूडेंट सुसाइड रोकने की तैयारी, नेशनल टास्क फोर्स ने की लॉन्च

Students Suicide Prevention Website: देश के शैक्षणिक संस्थानों में स्टूडेंट सुसाइड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट भी स्टूडेंट सुसाइड पर चिंता जता चुका है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही नेशनल टास्क फाेर्स का गठन किया गया था. अब टास्क फोर्स ने स्टूडेंट सुसाइड रोकने के लिए एक बेवसाइट लॉन्च की है.

आइए जानते हैं कि स्टूडेंट सुसाइड रोकने के लिए ये वेबसाइट कैसे काम करेगी. इसे लॉन्च करने के पीछे नेशनल टॉस्क फोर्स का उद्देश्य क्या है.

स्टूडेंट सुसाइड पर रोकथाम के लिए पोर्टल लॉन्च

नेशनल टास्क फोर्स ने स्टूडेंट सुसाइड रोकने के लिए बीते दिनों एक बेवसाइट ntf.education.gov.in लॉन्च की है. इस दौरान टास्क फोर्स के चैयरमैन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस रविद्र भट्ट समेत शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. विनीत जोशी समेत कई विशिष्ट जन मौजूद रहे.

ऐसे तैयार की गई है वेबसाइट

स्टूडेंट सुसाइड रोकने के लिए नेशनल टास्क फोर्स ने वेबसाइट लॉन्च की है. वेबसाइट की लॉन्चिंग से पहले टास्क फोर्स के सदस्यों की तरफ से देशभर के शिक्षा संस्थानों का दौरा किया गया था. इसके साथ ही एक्सपर्ट्स और छात्रों की राय जानी गई. तो वहीं कई रिपोर्टों का भी विश्लेषण किया गया.

ऐसे काम करेगी वेबसाइट

स्टूडेंट सुसाइड रोकने के लिए तैयार की गई वेबसाइट का उद्देश्य देश के अधिक से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों तक अपनी पहुंच सुनिश्चित कराना है. इसको लेकर वेबसाइट में अलग-अलग सेक्शन बनाए गए हैं. इन सेक्शन में स्टूडेंट सुसाइड से जुड़े हुए सवाल तैयार किए गए हैं, जिन्हें ऑनलाइन सर्वे की तरह भरा जाएगा. इस पूरी कवायद का मकसद, स्टूडेंट सुसाइड को लेकर एक विशाल समूह की राय जानना है, जिससे उस पर रोकथाम लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं.

स्टूडेंट सुसाइड रोकने के लिए ये काम कर रही है टास्क फोर्स

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित हुई नेशनल टास्क फोर्स की पहली बैठक 29 मार्च को हुई थी. उसके बाद टास्क फोर्स ने ये वेबसाइट लॉन्च की है. इसके साथ ही टास्क फोर्स स्टूडेंट सुसाइड रोकने के लिए कुछ प्रमुख काम कर रही है, जिसमें स्टूडेंट सुसाइड के पीछे शैक्षणिक दबाव, भेदभाव, मानसिक स्वास्थ्य जैसे कारणों की पहचान करना, स्टूडेंट वेलफेयर और मेंटल हेल्थ नियमों का विश्लेषण करना शामिल है.

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