केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में सफल अभ्यर्थियों को सर्विस अलाॅट कर दी है. विभाग की ओर से जारी की गई सर्विस आवंटन लिस्ट के अनुसार टाॅप 50 में से 5 ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिन्हें IAS के स्थान पर IFS पोस्ट दिया गया है. पद का आवंटन अभ्यर्थियों की ओर से डीएएफ फाॅर्म 2 में भरे गए वरीयता के आधार पर किया गया है. जिन 5 अभ्यर्थियों को आईएफएस का पद दिया गया है, उन्हें IAS पोस्ट मिल सकती थी, लेकिन उन्होंने IFS को वरीयता दी थी. उन्हीं में से एक हैं 31वीं रैंक प्राप्त करने वाली श्रेया त्यागी. आइए जानते हैं कि उन्होंने आईएफएस पद क्यों चुना.
श्रेया त्यागी यूपी के मुजफ्फरनगर की रहने वाली हैं. उनके पिता सुधीर कुमार त्यागी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में कार्यरत हैं. श्रेया शुरु से ही पढ़ाई में तेजी थी. 10वीं में उन्होंने 90 फीसदी नंबर प्राप्त किया था. वहीं 12वीं बोर्ड परीक्षा उन्होंने ‘A’ ग्रेड से पास की थी. इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने डीयू से ग्रेजुएशन किया है. इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.
IFS Shreya Tyagi Profile: 1, 2 नहीं 4 बार क्रैक किया UPSC
पीजी की पढ़ाई पूरी करने बाद श्रेया ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की थी. 2021 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी सीएसई क्रैक किया था. उन्हें रिजर्व सूची में चौथा स्थान मिला था और उनका चयन वाणिज्य सेवा के लिए किया गया था. वह इस पद से संतुष्ट नहीं थीं और उन्होंने फिर से 2022 में 319वीं रैंक से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और इस बार उनका चयन भारतीय रक्षा लेखा सेवा के लिए किया गया.
2023 में श्रेया ने तीसरी बार परीक्षा दी और 123वीं रैंक से एग्जाम क्रैक किया और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के लिए उनका चयन किया किया. इससे भी वह संतुष्ट नहीं थी और 2024 में चौथी बार उन्होंने 31वीं रैंक से परीक्षा पास की और भारतीय विदेश सेवा के लिए उनका चयन किया गया.
IFS Shreya Tyagi Biography: क्यों चुना IFS?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शुरू से ही उनका सपना IFS अधिकारी बनने का था. इसलिए आईएएस पद के स्थान पर उन्होंने आईएफएस पद को पसंद किया. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रतिदिन लगभग 8 से 9 घंटे पढ़ाई करती थी. परीक्षा के तनाव को कम करने के लिए वह खाना बनाती थी और यात्रा करती थी.
ये भी पढ़ें – कौन हैं बी शिवाचंद्रन? IPS बनने के लिए छोड़ा IAS का पद