लीडिंग ग्लोबल ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म कोर्सेरा ने हाल की में अपनी सालाना ग्लोबल स्किल्स रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की पढ़ाई करने में भारतीय छात्र दुनिया के अन्य देशों से आगे हैं. रिपोर्ट के अनुसार भारत में जनरेटिव एआई (GenAI) नामांकन में साल-दर-साल 107% की वृद्धि दर्ज की गई है और अब तक 2.6 मिलियन से अधिक नामांकन हुआ है. रजिस्ट्रेशन की यह दर वैश्विक स्तर पर किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक है. भारत ने कोर्सेरा पर कुल स्टूडेंट्स की संख्या के मामले में यूरोप को भी पीछे छोड़ दिया है, जो डिजिटल परिवर्तन और रोजगार-प्रासंगिक शिक्षा के प्रति इसकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
कोर्सेरा की रिपोर्ट के अनुसार इंडियन बिजनेस में 18%, प्रौद्योगिकी में 22% और डेटा साइंस में 20% स्किल प्रदर्शित करते हैं. वहीं भारत का अनुमान है कि देश को 2026 तक दस लाख एआई-कुशल पेशेवरों की आवश्यकता होगी. विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट है कि 30% भारतीय नियोक्ता (वैश्विक स्तर पर केवल 19% की तुलना में) डिग्री आवश्यकताओं को हटाकर कौशल-आधारित भर्ती की ओर रुख कर रहे हैं. कोर्सेरा फॉर कैंपस और कोर्सेरा फॉर गवर्नमेंट, भारत की निदेशक प्रशस्ति रस्तोगी ने कहा कि भारत की डिजिटल और एआई महत्वाकांक्षा राष्ट्रीय नीतियों और शिक्षार्थी व्यवहार दोनों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है.
26 लाख भारतीय ने किया नामांकन
भारत जनरेटिव एआई नामांकन में वैश्विक स्तर पर अग्रणी है, जिसमें सालाना आधार पर 107% की वृद्धि हुई है. हालांकि, जेनएआई सीखने वालों में केवल 30% महिलाएँ है, जबकि कुल कोर्सेरा नामांकन में यह संख्या 40% है, जो उभरती हुई तकनीक अपनाने में लैंगिक अंतर को दर्शाता है. रिपोर्ट के अनुसार एक साल में 26 लाख भारतीयों में जनरेटिव एआई कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कराया. वहीं भारत ने कोर्स रजिस्ट्रेशन में यूरोप को पीछे छोड़ते हुए अपने लर्नर बेस को 3 करोड़ यूजर्स तक आगे बढ़ाया है.
किस क्लास के कितने स्टूडेंट्स ने कराया रजिस्ट्रेशन?
देश भर में 9वीं और 10वीं क्लास के कुल 7,90,999 और 11वीं व 12वीं कक्षा के कुल 50,343 स्टूडेंट्स ने 2024-25 में एआई कोर्स में रजिस्ट्रेशन कराया. देश के 29 हजार सीबीएसई स्कूलों में एआई कोर्से के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर है. ये आंकड़े हाल ही में लोक सभा में पेश किए गए थे.
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