सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बीते 11 अगस्त को कहा था कि डॉग बाइट्स और रेबीज के मामलों को देखते हुए सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों में दिल्ली-NCR के आवासीय क्षेत्रों से हटाकर शेल्टर होम भेज जाए. साथ ही कोर्ट ने इस काम में बाधा डालने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी थी. वहीं कोर्ट के इस आदेश के बाद बड़े पैमाने पर डाॅग समर्थक और विरोधी भी सामने आ गए. अब इस समय देश भर में कुत्तों की चर्चा हो रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कुत्तों के डाॅक्टर कैसे बनते हैं और इसके लिए किसकी पढ़ाई करनी पड़ती है.
कुत्तों का डाॅक्टर बनने के लिए वेटरनरी डॉक्टर की पढ़ाई करनी पड़ती है. कुत्ते के डाॅक्टर को पशु चिकित्सक कहा जाता है, जो कुत्तों से संबंधित बीमारियों का इलाज करते हैं और अच्छी देखभाल की सलाह देते हैं. देश में वेटरनरी डॉक्टर की भी खूब डिमांड है. इन पदों पर सरकारी नौकरियां भी निकलती हैं.
वेटरनरी डाॅक्टर बनने के लिए किसकी करनी पड़ती है पढ़ाई?
वेटरनरी डाॅक्टर बनने के लिए वेटरनरी मेडिसिन में बैचलर की डिग्री प्राप्त करनी पड़ती है. बैचलर डिग्री के पास इसमें मास्टर कोर्स और स्पेशलाइजेशन कोर्स भी होते हैं. जिससे कर अलग-अलग जानवरों के स्पेशलिस्ट डाॅक्टर बन सकते हैं. यूजी डिग्री के लिए बीवीएससी (बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंसेज एंड एनिमल हस्बेंडरी) की पढ़ाई करनी पड़ती है. इसके बाद ही मास्टर या अन्य स्पेशलाइजेशन कोर्स कोर्स कर सकते हैं.
बीवीएससी में कैसे मिलता है एडमिशन?
बीवीएससी कोर्स में दाखिले के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की ओर आयोजित की जानें वाली नीट यूजी परीक्षा पास करना होता है. इसमें शामिल होने से लिए साइंस स्ट्रीम से 50 फीसदी नंबरों के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य हैं. एडमिशन नीट स्कोर और नंबर के जरिए काउंसलिंग के माध्यम से होता है. कोर्स 5 वर्ष का होता है और इंटर्नशिप भी कराई जाती है. इस कोर्स की पढ़ाई करने के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस के अलावा पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा अनुसंधान सहायक, आदि के रूप में करियर बना सकते हैं.
ये भी पढ़ें – इग्नू ने शुरू किए मैनेजमेंट के 2 नए कोर्स, जानें कैसे मिलेगा एडमिशन