EFLU Lucknow Campus: अब लखनऊ से करें विदेशी और इंग्लिश लैंग्वेज में डिग्री-डिप्लोमा कोर्स, UP में खुल रहा इस यूनिवर्सिटी का नया कैंपस

English and Foreign Languages University: अगर भाषा सीखने में आपकी रुचि है या आप इंग्लिश और विदेशी भाषाओं में करियर बनाना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेज यूनिवर्सिटी (EFLU) कैंपस के लिए 2.32 हेक्टेयर जमीन लखनऊ में आवंटित की है. यह जमीन सरोजिनी नगर तहसील के चकाउली गांव में दी गई है, जहां अब स्थायी कैंपस बनेगा.

अभी तक यह यूनिवर्सिटी कानपुर रोड पर अस्थायी भवन से चलाई जा रही थी, लेकिन अब उम्मीद है कि परमानेंट कैंपस बनने के बाद छात्रों को पढ़ाई और रिसर्च के लिए बेहतर माहौल मिलेगा.

पढ़ाए जाएंगे ये कोर्स

नए कैंपस में कई जरूरी कोर्स कराए जाएंगे, जिनमें बीए (ऑनर्स) अंग्रेजी, एमए अंग्रेजी, एमए लिंग्विस्टिक्स, एमए अंग्रेजी साहित्य और पीएचडी शामिल हैं. इसके अलावा, फ्रेंच, जर्मन, रूसी और स्पेनिश जैसी विदेशी भाषाओं में पार्ट-टाइम कोर्स भी उपलब्ध होंगे.

1 रुपये लीज पर दी गई जमीन

यह जमीन यूनिवर्सिटी को सिर्फ एक रुपये साल के हिसाब से लीज पर दी गई है. अब तक यह यूनिवर्सिटी कानपुर रोड पर एक अस्थायी कैंपस से चल रही थी, लेकिन अब अपनी खुद की बिल्डिंग बनने से यहां शिक्षा और शोध के लिए बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी.

शिक्षा और सुविधाओं में होगा सुधार

बीते दिनों आयोजित हुए भूमि हस्तांतरण कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे. उनके मुताबिक इस स्थायी कैंपस के निर्माण से शिक्षा की गुणवत्ता और सुविधाओं में सुधार होगा. यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. एन नागराजू के मुताबिक यह कदम संस्थान के विकास के लिए एक ऐतिहासिक है.

2007 में मिला था यूनिवर्सिटी का दर्जा

EFLU की स्थापना 1958 में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेज (CIEFL) के रूप में हुई थी और 2007 में इसे यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया. EFLU के तीन कैंपस हैं, जिसका मुख्यालय हैदराबाद में है और अन्य दो कैंपस लखनऊ (1979) और शिलॉन्ग (1973) में हैं. शिक्षा के अलावा EFLU के दूसरा कैंपस अपनी अच्छी सुविधाओं के लिए भी जाना जाता है. यहां एक बड़ी लाइब्रेरी है. छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल हैं, एक कैफेटेरिया है, और गेस्ट हाउस की सुविधा भी है. इसके अलावा लैबोरेट्रीज, हेल्थ सेंटर और बड़ा ऑडिटोरियम भी है।

NIRF 2025 की रिपोर्ट के अनुसार तीन साल के अंडरग्रेजुएट कोर्स के बाद छात्रों को औसतन 4,80,000 रुपये का पैकेज मिलता है. वहीं, दो साल के पोस्टग्रेजुएट कोर्स के बाद यह औसत पैकेज 5,16,000 रुपये तक होता है.

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