JEE Main 2026 का शेड्यूल पहले होगा जारी, NTA ने शुरू की तैयारी, इस बार एंट्रेंस एग्जाम सिस्टम में हो सकता है बदलाव

JEE Main 2026: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) देश में इंजीनियरिंग, यूनिवर्सिटी से लेकर मेडिकल दाखिला के लिए एंट्रेंस टेस्ट आयोजित करता है. मसलन, एनटीए की तरफ से जेईई मेन, नीट यूजी, सीयूईटी, यूजीसी नेट, सीएसआईआर का आयोजन किया जाता है. सेशन 2025 में दाखिला के लिए कराए जाने वाले ये सभी एंट्रेंस टेस्ट एनटीए की तरफ से जुलाई तक आयोजित किए जा चुके हैं. इसके बाद अब एनटीए ने 2026 में आयोजित होने वाले एंट्रेंस एग्जाम की तैयारियां शुरू कर दी हैं, इसके तहत एनटीए जेईई मेन का शेड्यूल सबसे पहले जारी करेगा. माना जा रहा है कि एनटीए की तरफ से सेशन 2026 के एग्जाम सिस्टम में भी कुछ बदलाव किए जा सकते हैं.

आइए जानते हैं कि जेईई मेन 2026 काे लेकर क्या अपडेट है. क्याें कहा जा रहा है कि साल 2026 से एनटीए एंट्रेंस एग्जाम के सिस्टम में कुछ बदलाव कर सकता है.

जेईई मेन 2026 के लिए बनाई कमेटी, जानें कब जारी होगा शेड्यूल

जेईई मेन 2026 को लेकर सबसे बड़ा अपडेट है ये कि इसको लेकर एनटीए ने एक कमेटी का गठन किया है. असल में इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट सीटों में दाखिला के लिए एनटीए दो चरणाें में जेईई मेन का आयोजन करता है. एनटीए ने जेईई मेन सेशन 2026 के पहले चरण के लिए एक कमेटी बनाई है. माना जा रहा है कि कमेटी की सिफारिशों के बाद एनटीए की तरफ से जेईई मेन 2026 के लिए अक्टूबर तक आधिकारिक नोटिफिकेशन यानी शेड्यूल जारी कर देगा, जो साल 2026 सेशन में होने एग्जाम का सबसे पहला शेड्यूल हाेगा. जनवरी 2026 में जेईई मेन के पहले चरण का आयोजन होता है.

क्यों एंट्रेंस एग्जाम सिस्टम में बदलाव की संभावनाएं

माना जा रहा कि एनटीए सेशन 2026 में होने वाले जेईई मेन, नीट यूजी, सीयूईटी जैसे एंट्रेंस एग्जाम के सिस्टम में बदलाव कर सकता है. इसके पीछे का मुख्य कारण इन एंट्रेंस एग्जाम में नंबरों के नॉर्मलाइजेशन को लेकर आ रही शिकायतें हैं.

असल में ये एंट्रेंस एग्जाम कम्प्यूटर बेस्ड होते हैं और कई पालियों में आयोजित किए जाते हैं. ऐसे में कई बार दोनों पालियों में से एक पाली के प्रश्न पत्र में गलती समेत कई वजहों से एनटीए किसी एक पाली के छात्रों के लिए नॉर्मलाइजेशन का फार्मूला लागू करता है. इससे अलग-अलग पालियों में एग्जाम देने वाले छात्रों के नंबर समान होने के बावजूद भी एक पाली वाले छात्र के नंबर बढ़ जाते हैं, जिससे रिजल्ट में बदलाव आता है.

इसको लेकर एनटीए को लंबे समय से शिकायतें मिल रही हैं. क्योंकि पूरी दाखिला प्रक्रिया एंट्रेंस एग्जाम के नंबरों पर आधारित है. ऐसे में माना जा रहा है कि एक पाली में एंट्रेंस एग्जाम या नॉर्मलाइजेशन के फार्मूले में बदलाव जैसे प्रभावी कदम एनटीए की तरफ से उठाए जा सकते हैं.

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