देश की सेवा हो या निजी क्षेत्र में करियर, हेलीकॉप्टर पायलट की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है. पहाड़ी इलाकों में राहत और बचाव कार्यों से लेकर वीआईपी मूवमेंट और कॉर्पोरेट ट्रैवल तक हेलीकॉप्टर पायलट की डिमांड लगातार बढ़ रही है. अगर आप भी आसमान में उड़ने का सपना देखते हैं और टेक्निकल डिग्री के साथ रोमांच को करियर बनाना चाहते हैं, तो हेलीकॉप्टर पायलट बनना आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. आइए जानते हैं कि हेलीकॉप्टर पायलट आखिर बनते कैसे हैं, कौन से कोर्स करने होते हैं, कहां से कोर्स कर सकते हैं और पायलट के रूप में कितनी सैलरी मिलती है?
शैक्षणिक योग्यता और जरूरी शर्तें
हेलीकॉप्टर पायलट बनने के लिए कम से कम 12वीं (फिजिक्स, मैथ्स और इंग्लिश के साथ) पास होना जरूरी होता है और कैंडिडेट की उम्र कम से कम 17 साल होनी चाहिए. इन योग्यताओं के अलावा कुछ संस्थान तो मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट (DGCA क्लास I या क्लास II) भी मांगते हैं.
कौन-कौन से कोर्स होते हैं?
हेलीकॉप्टर पायलट बनने के लिए दो तरह के मुख्य लाइसेंस कोर्स होते हैं और ये कोर्स आमतौर पर 12 से 18 महीने में पूरे होते हैं.
- प्राइवेट पायलट लाइसेंस (हेलीकॉप्टर)- यह शुरुआती स्तर का लाइसेंस है, जो 40 से 60 घंटे की उड़ान ट्रेनिंग के बाद मिलता है.
- कमर्शियल पायलट लाइसेंस (हेलीकॉप्टर)- इसके लिए कुल 150 घंटे की उड़ान ट्रेनिंग जरूरी होती है, जिसमें सोलो फ्लाइंग, नाइट फ्लाइंग और नेविगेशन की ट्रेनिंग शामिल होती है.
भारत के प्रमुख हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग संस्थान
- इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिक्स, चंडीगढ़
- राजीव गांधी एविएशन एकेडमी, हैदराबाद
- पवन हंस हेलीकॉप्टर्स लिमिटेड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, मुंबई/नई दिल्ली
- इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एविएशन साइंसेज, रायबरेली
कोर्स की फीस कितनी होती है?
प्राइवेट पायलट लाइसेंस की फीस भारत में 10 लाख से 20 लाख रुपये तक हो सकती है. हालांकि अलग-अलग फ्लाइंग स्कूलों में और ट्रेनिंग की अवधि के आधार पर फीस भी अलग-अलग हो सकती है. वहीं, कमर्शियल हेलीकॉप्टर पायलट ट्रेनिंग का खर्च 25 लाख से 40 लाख रुपये तक हो सकता है, जिसमें उड़ान ट्रेनिंग, ग्राउंड स्कूलिंग, सिम्युलेटर ट्रेनिंग आदि शामिल होते हैं.
कहां मिलती है नौकरी?
कोर्स पूरा करने और पायलट लाइसेंस लेने के बाद कैंडिडेट्स को कई कंपनियों में नौकरी मिल सकती है, जिसमें सरकारी और प्राइवेट दोनों कंपनियां शामिल हैं. सरकारी कंपनियों में ओएनजीसी (ONGC) शामिल है, जबकि प्राइवेट कंपनियों में पवन हंस, चार्टर्ड हेलीकॉप्टर सर्विस कंपनियां और मेडिकल इमरजेंसी सर्विस यानी एयर एंबुलेंस (Air Ambulance) आदि शामिल हैं.
कितनी मिल सकती है सैलरी?
सैलरी की बात करें तो फ्रेशर के रूप में हेलीकॉप्टर पायलट को 40 हजार से 80 हजार रुपये महीना सैलरी मिल सकती है. वहीं, अनुभव बढ़ने पर यह सैलरी बढ़कर 2 लाख से 5 लाख रुपये तक हो सकती है.
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