Quantum Communication में भारत को महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है. मसलन, Quantum Communication में भारत तेजी से अपनी शक्तियों को मजबूत कर रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को डीआरडीओ और आईआईटी दिल्ली के बीच एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक क्वांटम एनटैंगलमेंट-आधारित फ्री-स्पेस क्वांटम यानी क्वांटम से एन्क्रिप्शन कम्युनिकेशन स्थापित हुआ, जिसे दोनाें संस्थानों की तरफ से प्रदर्शित किया गया. आइए इसी कड़ी में समझते हैं कि Quantum Communication क्या है. ये कैसे आने वाले समय में कम्युनिकेशन की परिभाषा बदल सकता है.
पहले पूरा मामला समझते हैं
असल में सोमवार को डीआरडीओ के इंडस्ट्री-अकादमिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (डीआईए-सीओई) और आईआईटी दिल्ली ने ये प्रयोग किया, जिसे नए क्वांटम युग में प्रवेश माना जा रहा है. आईआईटी दिल्ली कैंपस में हुए इस प्रयोग में एक फ्री-स्पेस ऑप्टिकल लिंक के जरिए एक किलोमीटर से अधिक की दूरी पर क्वांटम एंटैंगलमेंट का उपयोग करके फ्री-स्पेस क्वांटम सिक्योर कम्युनिकेशन (KEY) किया गया.
आईआईटी दिल्ली की तरफ से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार इस प्रयोग ने 7 प्रतिशत से कम की क्वांटम बिट त्रुटि दर के साथ लगभग 240 बिट प्रति सेकंड की सुरक्षित की केईवाई दर प्राप्त की है. इस दौरान डीआरडीओ समेत आईआईटी दिल्ली के कई वरिष्ठ मौजूद रहे. इस रिसर्च प्रोजेक्ट को प्रोफेसर भास्कर कंसेरी लीड कर रहे हैं.
क्वांटम साइबर सुरक्षा, क्वांटम इंटरनेट का युग शुरू होगा
डीआरडीओ और आईआईटी दिल्ली की तरफ से किए गए सिक्योर क्वांटम कम्युनिकेशन के बाद माना जा रहा है कि देश मेंक्वांटम साइबर सुरक्षा, क्वांटम इंटरनेट का युग शुरू होगा, जिसमें लंबी दूरी की क्वांटम की वितरण (क्यूकेडी), क्वांटम नेटवर्क का विकास और भविष्य का क्वांटम इंटरनेट शामिल है.
डिफेंस एंड फाइनेंस के लिए महत्वपूर्ण
क्वांटम कम्युनिकेशन मौलिक रूप से एन्क्रिप्शन प्रदान करता है, जिससे यह रक्षा, वित्त और दूरसंचार जैसे रणनीतिक क्षेत्रों के डेटा को सुरक्षित रख सकता है. इस वजह से इसे राष्ट्रीय सुरक्षा-संबंधी संचारों की सुरक्षा में अनुपयोगों के साथ एक दोहरे उपयोग वाली टेक्नोलॉजी माना जाता है. फ्री-स्पेस क्यूकेडी ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की आवश्यकता को समाप्त करता है, जो विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण इलाकों और घने शहरी वातावरण में डिसरप्टिव और महंगा दोनों हो सकता है.
राजनाथ सिंह ने कहा, युद्ध में गेम चेंजर बनेगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और आईआईटी दिल्ली को बधाई दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत सिक्योर कम्युनिकेशन करने के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है, जो भविष्य के संभावित युद्ध के दौरान एक गेम चेंजर होगा.
इससे पहले साल 2022 में विंध्याचल और प्रयागराज के बीच भारत का पहला इंटरसिटी क्वांटम कम्युनिकेशन लिंक प्रदर्शित किया गया था, जिसमें वाणिज्यिक-ग्रेड भूमिगत डार्क ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग किया गया था. हाल ही में साल 2024 में टीम ने एक अन्य डीआरडीओ समर्थित परियोजना में टेलीकॉम-ग्रेड ऑप्टिकल फाइबर के 100 किमी स्पूल पर एंटैंगलमेंट का उपयोग करके सफलतापूर्वक क्वांटम कीज़ (केईवाईएस) वितरित की.
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