मेडिकल कॉलेजों में दाखिला के लिए आयोजित होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) UG को सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक माना जाता है. इस परीक्षा में सफल होने के लिए देशभर के कई अभ्यर्थी 10वीं के बाद से ही कोचिंग शुरू करते हैं. इसके बाद भी अधिकांश अभ्यर्थियों को कड़ी मेहनत के बाद तीसरे से चौथे प्रयास में ही सफलता मिलती है. तो कई अभ्यर्थी डॉक्टर बनने का अपना सपना ही छोड़ देते हैं, लेकिन झारखंड के रोहित कुमार ने एक नई नजीर पेश की है. दिन में फुटपाथ पर मोबाइल कवर बेचने वाले राेहित कुमार ने रात में पढ़ाई कर NEET UG 2025 में सफलता प्राप्त की है. उन्होंने 720 में से 549 नंबर हासिल किए हैं.अब वह अपना डॉक्टर बनने का सपना पूरा करेंगे. आइए जानते हैं रोहित कुमार की इस सफलता की कहानी…
मेडिकल स्टोर में काम करने के दौरान बुना डॉक्टर बनने का सपना
नीट यूजी 2025 में सफलता प्राप्त करने वाले रोहित कुमार न्यूज एजेंसी एनआई से बातचीत में कहा कि उन्होंने 10वीं पास करने के बाद से ही काम करना शुरू कर दिया था. ऐसे में एक से दो महीने तक एक मेडिकल स्टोर में काम किया. इस दौरान ही उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना बुना. रोहित ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वह घर पर रहकर नीट की तैयारी कर सकें. ऐसे में आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने सड़क किनारे मोबाइल कवर बेचने शुरू किया. जहां पूरे दिन मोबाइल के कवर बेचे और फिर रात में पढ़ाई शुरू की.
सेल्फ स्टडी को बनाया हथियार, ऑनलाइन कोचिंग से मिली मदद
NEET UG की तैयारी को लेकर रोहित कुमार ने कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह नीट की तैयारी के लिए कोई कोचिंग संस्थान ज्वाइन कर सकें. ऐसे में उन्होंने सेल्फ स्टडी काे हथियार बनाया. हालांकि कुछ मदद के लिए उन्होंने नीट का ऑनलाइन बैच भी ज्वाॅइन किया.
परिवार ने दिया पूरा साथ
रोहित ने कहा कि दिन में काम करना और रात में पढ़ना बेहद मुश्किल था. शरीर जवाब दे जाता. कई बार लगा कि मुझसे नहीं हो पाएगा. मुश्किल वक्त में जब मैं बिखरने लगता तो मेरे मम्मी-पापा, भाई-बहन और दोस्तों ने सहारा दिया. कुछ लोग थे जो कहते थे कि मैं पास नहीं कर पाऊंगा, लेकिन मैंने उन्हें नजरअंदाज किया और अपने लक्ष्य पर फोकस किया. आज मेरी इस सफलता में परिवार का योगदान 95% है, जबकि मेरा खुद का प्रयास सिर्फ 5% है. रोहित ने बताया कि तीसरे प्रयास में उन्हें नीट में सफलता मिली है.
कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं रोहित
रोहित ने कहा कि यह उपलब्धि मेरे परिवार और दोस्तों की है. उनसे पूछा गया कि आगे का प्लान क्या है तो रोहित ने बताया कि MBBS करने के बाद पीजी करूंगा. इसके बाद न्यूरो सर्जन या कार्डियोलॉजिस्ट बनने का सपना है.
ठेले पर सब्जी बेचते हैं पिता, मां हाउस वाइफ
रोहित का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है. उनके पिता ठेले पर सब्जी बेचते हैं, मां गृहणी हैं. घर चलाने के लिए रोहित और उनके भाई ने मोबाइल कवर की छोटी-सी दुकान शुरू की थी. इसके साथ ही दोनों ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई जारी रखी.
20 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने दिया था नीट
NEET-UG 2025 परीक्षा में कुल 20 लाख से अधिक स्टूडेंट्स बैठे थे, जिनमें से 12,36,531 क्वालीफाई हुए हैं. इनमें 7,22,462 लड़कियां, 5,14,063 लड़के और 6 थर्ड जेंडर उम्मीदवार शामिल हैं. राजस्थान के महेश कुमार ने नीट यूजी में पहली रैंक (AIR-1) हासिल कर पूरे देश में टॉप किया है. मध्य प्रदेश के उत्कर्ष अवधिया ने AIR-2 और महाराष्ट्र के कृषांग जोशी ने AIR 3 हासिल की है.
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