क्या CA, CMA और CS को मिलाकर एक इंस्टीट्यूट बनेगा? जानिए ICMAI अध्यक्ष ने इस पर क्या कहा

भारत में तीन बड़े प्रोफेशनल कोर्स हैं, CA (चार्टर्ड अकाउंटेंट), CMA (कॉस्ट अकाउंटेंट) और CS (कंपनी सेक्रेटरी). इन तीनों के अलग-अलग संस्थान हैं जो इन्हें कंट्रोल करते हैं, ICAI, ICMAI और ICSI. अब सवाल उठ रहा है कि क्या इन तीनों को एक साथ मिलाया जा सकता है? इस पर ICMAI (कॉस्ट अकाउंटेंट्स की संस्था) के अध्यक्ष बिभूति भूषण नायक ने बड़ी बात कही है.

ICMAI अध्यक्ष का कहना है कि अगर सरकार इन तीनों इंस्टीट्यूशन्स को मिलाकर एक इंस्टीट्यूशन बनाती है, तो यह देश के लिए फायदेमंद हो सकता है. उनका मानना है कि इससे प्रोफेशनल वर्क में ट्रांसपेरेंसी, बेहतर मैनेजमेंट और काम की क्वालिटी बढ़ेगी.

मर्ज करने से क्या होगा फायदा?

नायक ने कहा कि अगर ये इंस्टीट्यूट एक हो जाते हैं, तो देश का फाइनेंशियल सिस्टम और मजबूत होगा. एक ही इंस्टीट्यूट बनने से छात्रों और प्रोफेशनल्स को एक जैसी पहचान और सम्मान मिलेगा. इससे टैक्स ऑडिट और दूसरी जिम्मेदारियों को लेकर जो विवाद चल रहे हैं, वे भी खत्म हो सकते हैं.

क्या मर्ज करना आसान होगा?

नहीं, यह इतना आसान नहीं है. नायक ने माना कि इन इंस्टीट्यूशन्स को एक करना एक मुश्किल प्रक्रिया है. इसके लिए सभी रूल, कार्य प्रणाली और मैनेजमेंट सिस्टम को अच्छे से समझना और नया फ्रेम तैयार करना जरूरी होगा.

क्यों उठ रहा है मर्जर का मुद्दा?

हाल ही में कुछ कानूनी बहस चल रही है, जैसे कि टैक्स ऑडिट कौन कर सकता है. ICAI ने CS और CMA को “अकाउंटेंट” की परिभाषा में शामिल करने का विरोध किया, जबकि ICMAI और ICSI चाहते हैं कि उन्हें भी बराबरी का हक मिले. अगर तीनों मिल जाते हैं, तो यह विवाद खत्म हो सकता है.

छात्रों के लिए क्यों फायदेमंद होगा?

अध्यक्ष नायक ने कहा कि कई बार CS और CMA के छात्र CA के मुकाबले कम पहचान पाते हैं, जबकि मेहनत सब बराबर करते हैं. अगर सभी एक संस्था में आ जाएं, तो सभी छात्रों को समान अवसर और सम्मान मिलेगा. ICMAI अध्यक्ष ने साफ कहा है कि अगर सरकार CA, CS और CMA को मिलाने का फैसला करती है, तो वह इसके पक्ष में हैं. लेकिन इसके लिए एक मजबूत और सोच-समझ कर बनाई गई योजना होनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रोफेशनल या छात्र का नुकसान न हो.

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