बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने बीते दिनों विशेष विद्यालय शिक्षक पदों पर भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी किया था. इसमें स्पेशल टीचर के कुल 7279 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं, लेकिन अभी बिहार में शिक्षकों के बंपर पद खाली हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सामने बिहार सरकार ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक बिहार में टीचरों के ढाई लाख से अधिक पद खाली हैं. इनमें से 80 हजार शिक्षकों के पद भरने के लिए जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी. एक अप्रैल 2025 को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सामने बिहार सरकार ने राज्य समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्य योजना रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. उस प्रस्तुत रिपोर्ट से ये जानकारी सामने आई है.
208784 प्राथमिक शिक्षकों के पद खाली
बिहार सरकार की तरफ शिक्षा मंत्रालय के सामने प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के अनुसार राज्य के प्राथमिक स्कूलों में ही शिक्षकों के 208784 पद खाली हैं. तो वहीं माध्यमिक स्तर पर 36035 शिक्षकों के पद रिक्त हैं. इसी तरह वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में 33035 शिक्षकों के पद खाली हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में बिहार सरकार ने संकेत दिया कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिसमें बीपीएससी के माध्यम से लगभग 80,000 पद भरे जाने हैं और आगे भी भर्ती की योजना है.
1434 स्कूलों में 30 से कम बच्चे
केंद्रीय शिक्षा मंत्रायल के सामने बिहार सरकार की तरफ से प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कुल 40,281 प्राथमिक स्कूल हैं, इनमें से 1621 स्कूलों में एक ही शिक्षक हैं, जबकि उच्च प्राथमिक स्तर पर कुल 28,308 स्कूल हैं. इनमें में से 46 एकल शिक्षक वाले स्कूल हैं.
वहीं रिपोर्ट में ये भी जानकारी दी गई है कि 1434 प्राथमिक स्कूलों में छात्र संख्या 30 से कम है तो वहीं 266 में 15 से कम छात्र हैं. इसी तरह 17 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें कोई नामांकन नहीं है. वहीं 18 उच्च प्राथमिक स्कूलों में 30 से कम छात्र हैं. 7 स्कूलों में 15 से कम छात्र हैं.
बिहार में 4915 स्कूल बिना मान्यता के चल रहे
बिहार सरकार की तरफ से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के अनुसारबिहार राज्य में 4915 गैर मान्यता प्राप्त स्कूल हैं. इन स्कूलों में 775704 छात्र पढ़ रहे हैं तो वहीं 42377 शिक्षक इन स्कूलों में पढ़ा रहे हैं. बैठक में ये दोहराया गया कि आरटीई अधिनियम की धारा 19 में यह स्पष्ट प्रावधान है कि अधिनियम के लागू होने से पहले स्थापित और मानदंडों को पूरा नहीं करने वाले स्कूलों को अधिनियम लागू होने से तीन वर्षों के भीतर मानदंडों को पूरा करना होगा. ऐसा ना करने पर इन स्कूलों की मान्यता वापस ले ली जाएगी और इन्हें बंद कर दिया जाएगा. बैठक में इस संबंध में राज्य को आगे की कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.
ये भी पढ़ें-BPSC Special Teacher Recruitment 2025: बिहार में निकली शिक्षक के 7279 पदों पर भर्तियां, 2 जुलाई से करें अप्लाई, जानें क्या मांगी गई है योग्यता