नीट यूजी 2025 के नतीजे 14 जून को घोषित किए थे. एग्जाम में 12 लाख से अधिक स्टूडेंट्स सफल हुए हैं. कुल 100 स्टूडेंट्स के नंबर 99 पर्सेंटाइल से अधिक आए हैं. इन छात्रों को सरकारी मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस की सीट मिल जाएगी. जल्द ही दाखिले के लिए एनएमसी की ओर से काउंसलिंग का शेड्यूल जारी किया जा सकता है. NEET UG परीक्षा में सफल लड़कियां दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकती हैं. यहां काॅलेज सिर्फ लड़कियों के लिए हैं. आइए जानते हैं कि यहां MBBS की कुल कितनी सीटें और फीस कितनी है.
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की कुल 200 सीटें हैं, जिनमें से 15 फीसदी सीटें अखिल भारतीय कोटा से और बाकी 85 फीसदी सीटें राज्य कोटे के जरिए भरी जाती हैं. काॅलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी को तहत संचालित किया जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स और एक्सपर्ट की माने तो यहां से मेडिकल यूजी कोर्स की पढ़ाई के लिए लड़कियों को नीट यूजी में 680 से अधिक नंबर प्राप्त करने होंगे.
MBBS Seats LHMC: ऑल इंडिया और राज्य कोटे की कितनी MBBS सीटें?
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज कुल 200 एमबीबीएस सीटों में से दिल्ली कोटे की 155 सीटें हैं और अखिल भारतीय कोटे (AIQ) की कुल करीब 36 सीटें हैं. जिन पर नीट यूजी 2025 के स्कोर और नंबर के जरिए किया जाएगा. काॅलेज का कैंपस कुल 60 एकड़ में फैला हुआ है. परिसर में अस्पताल भी है. एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाली लड़कियों के लिए हाॅस्टल, लाइब्रेरी, कैंटीन, खेल सुविधाएं भी है. मेडिकल यूजी और पीजी लड़कियों के लिए अलग-अलग हाॅस्टल बनाए गए हैं.
LHMC MBBS Fee: कितनी है लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की फीस?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स की कुल फीस करीब 8,275 रुपए है, जिसमें हाॅस्टल और ट्यूशन फीस सहित अन्य शुल्क भी शामिल हैं. वहीं MBBS पहले वर्ष की ट्यूशन फीस करीब 1,655 रुपए है. काॅलेज में नर्सिंग बीएससी (ऑनर्स) कोर्स भी है, जिसकी पूरी ट्यूशन फीस करीब 29,420 रुपए है. फीस संबंधी अधिक जानकारी के लिए काॅलेज की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं.
Lady Hardinge Medical College: कितना पुराना है काॅलेज?
औपचारिक रूप से 7 फरवरी 1916 को इस काॅलेज का उद्घाटन किया था, जिसे तब के वायसराय बारन हार्डिंग ने किया था. उस समय भारत के तत्कालीन वायसराय बारन चार्ल्स हार्डिंग की पत्नी लेडी हार्डिंग थीं, जिन्होंने महिलाओं की चिकित्सा शिक्षा की कमी को देखते हुए इस कॉलेज की स्थापना की पहल की थी. उन्होंने रियासतों और जनता से कोष जुटाया था. पहले इसका नाम क्वीन मैरी कॉलेज एवं हाॅस्पिटल था, जिसे बाद में लेडी हार्डिंग कर दिया गया.
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