नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से नीट यूजी 2025 परीक्षा का आयोजन देश भर में निर्धारित विभिन्न केंद्रों पर 4 मई को किया गया था. नतीजे 14 जून को घोषित किए गए थे. एग्जाम में शामिल होने के लिए इस बार 22 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन किया था, जबकि 1236531 सफल हुए हैं. नीट यूजी परीक्षा पास कैंडिडेट्स को अब दाखिले के लिए काउंसलिंग का इंतजार है. एनएमसी जल्द ही काउंसलिंग का शेड्यूल जारी कर सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि यूपी में पहला मेडिकल काॅलेज कब खुला था, एमबीबीएस की कितनी सीटें हैं और कितने नंबर तक दाखिला मिल सकता है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, जो अब किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी है. यह प्रदेश का पहला मेडिकल काॅलेज है. इसकी स्थापना 1905 में हुई थी. यहां एमबीबीएस की कुल 250 सीटें हैं, जिनमें 15 फीसदी सीटें अखिल भारतीय कोटे के तहत और बाकी 85 फीसदी सीटें राज्य कोटे से भरी जाती हैं.
MBBS Seats in KGMU: राज्य और ऑल इंडिया कोटे की कितनी सीटें?
केजीएमयू यानी की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में ऑल इंडिया कोटे की 37 सीटें हैं. वहीं राज्य कोटे की कुल 213 एमबीबीएस सीटें हैं. इसके अलावा यूनिवर्सिटी में एससी, एसटी, ओबीसी और EWS कैटेगरी के लिए सीटें आरक्षित हैं, जो राज्य सरकार के नियमों के अनुसार भरी जाती हैं. मेडिकल यूजी कोर्स एमबीबीएस में दाखिला नीट यूजी नंबर और रैंक के अनुसार होता है.
MBBS Fee KGMU: केजीएमयू में एमबीबीएस की कितनी फीस है?
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की ट्यूशन फीस 54,900 रुपए सालाना है. वहीं पूरे कोर्स की फीस करीब 2 लाख 46 हजार रुपए हैं. वहीं हाॅस्टल फीस लगभग 12,000 से 15,000 रुपए सालाना है. फीस संबंधित अधिक जानकारी के लिए कैंडिडेट विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट kgmu.org पर विजिट कर सकते हैं. केजीएमयू में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग हाॅस्टल हैं, जिनमें सिंगल, डबल और ट्रिपल ऑक्यूपेंसी कमरे हैं. न्यू सीवी हॉस्टल और वीएल हॉल जैसे हाॅस्टल में प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
KGMU MBBS Cut off: नीट यूजी में कितने नंबर तक मिल सकती है MBBS सीट?
मीडिया रिपोर्ट्स और एक्सपर्ट के अनुसार एमबीबीएस सीट के लिए सामान्य श्रेणी के छात्रों का नंबर 670-690 या उससे अधिक होना चाहिए. वहीं एससी/एसटी कैंडिडेंट्स का नंबर 500 से अधिक होना चाहिए. पिछले साल काउंसलिंग के तीसरे राउंड तक एमबीबीएस की कट ऑफ रैंक जनरल कैटेगरी के लिए 2059 थी.
KGMC History: किसने की थी केजीएमसी की स्थापना?
किंग जॉर्ज मेडिकल काॅलेज की स्थापना 1911 में हुई थी. इसकी स्थापना ब्रिटिश सरकार ने की थी. इसकी स्थापना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देना था. इसका नाम ब्रिटेन के राजा किंग जॉर्ज पंचम के नाम पर रखा गया था. तब से लेकर आज तक, केजीएमयू ने चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
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