Agniveer: अग्निवीरों के लिए तीसरे चरण का टेस्ट शुरू, बहादुरी दिखाने वालों को मिलेगी स्थायी नौकरी

भारतीय सेना में पहले बैच के अग्निवीरों का तीसरा मूल्यांकन टेस्ट इन दिनों जारी है. जनवरी 2023 में भर्ती हुए ये अग्निवीर अब अपनी चार साल की सेवा के तीसरे पड़ाव में हैं. सूत्रों के मुताबिक सेना ने साफ कहा है कि इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता रखी जाएगी, ताकि सबसे योग्य जवानों को ही स्थायी भर्ती में जगह मिल सके.

चार साल में चार बार परीक्षा

अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सेवा में अग्निवीरों को चार बार अलग-अलग स्तर पर टेस्ट देना होता है. पहला टेस्ट भर्ती के 31 हफ्ते बाद उनके रेजिमेंटल सेंटर में होता है. दूसरा टेस्ट 18 महीने बाद उनकी यूनिट में, तीसरा टेस्ट 30 महीने में और चौथा और अंतिम टेस्ट 42 महीने में होता है यानी यूनिट छोड़ने से छह महीने पहले. सेना के सूत्रों के मुताबिक, यह सिस्टम इसलिए रखा गया है ताकि किसी भी तरह का पक्षपात न हो. खास बात यह है कि जिस यूनिट में अग्निवीर तैनात होता है, वही उसका मूल्यांकन नहीं करती. इससे पारदर्शिता बनी रहती है.

कई मौके, निष्पक्ष टेस्ट

मूल्यांकन में ड्रिल, फिजिकल टेस्ट और फायरिंग जैसे टेस्ट शामिल हैं. हर टेस्ट में अग्निवीरों को तीन मौके दिए जाते हैं और उनमें से सबसे अच्छा स्कोर ही फाइनल डेटा में दर्ज किया जाता है. बाकी के चरणों में उन्हें दो मौके मिलते हैं और वहां भी बेस्ट स्कोर ही गिना जाता है. जवान अपनी मार्कशीट खुद भी देख सकते हैं. दूरदराज और ऊंचाई वाले इलाकों जैसे सियाचिन और लद्दाख में तैनात जवानों को नजदीकी कॉर्प्स बैटल स्कूल या रियर यूनिट में अटैच कर टेस्ट की सुविधा दी जाती है.

वीरता पुरस्कार पाने वालों को पक्की जगह

इस योजना में वीरता और खेल प्रतिभा को भी पूरा सम्मान दिया गया है. अगर कोई अग्निवीर सेना मेडल या उससे बड़ा पुरस्कार जैसे अशोक चक्र, कीर्ति चक्र या शौर्य चक्र पाता है, तो उसे पक्की भर्ती की गारंटी है. जिन्हें ‘मेंशन इन डिस्पैचेज’ मिलेगा, उन्हें 25 एक्स्ट्रा मार्क्स दिए जाएंगे.

खिलाड़ियों के लिए भी यह स्कीम फायदेमंद है. अगर कोई अग्निवीर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करता है, तो उसे सीधी स्थायी भर्ती मिलेगी. राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने पर 10 और सेवाओं स्तर पर खेलने वालों को 6 अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे.

आखिरी मेडिकल टेस्ट और मेरिट लिस्ट

पहला अग्निवीर बैच जनवरी 2027 में यूनिट से बाहर होगा, लेकिन इसके पहले अक्टूबर 2026 तक सभी टेस्ट के नंबर फाइनल डेटा शीट में दर्ज कर दिए जाएंगे. चार साल की सेवा के बाद सभी अग्निवीरों का एक बार फिर मेडिकल टेस्ट होगा. जो 25 प्रतिशत चुने जाएंगे, उन्हें यूनिट छोड़ने के 7 दिनों के अंदर जानकारी दे दी जाएगी. फिर उन्हें 30 दिनों में रेजिमेंटल सेंटर में रिपोर्ट करना होगा. अगर कोई तय तारीख में नहीं पहुंचा, तो उसे ‘अस्वीकृत’ माना जाएगा और उसकी जगह मेरिट लिस्ट से अगले उम्मीदवार को मौका मिलेगा.

पेंशन नहीं, लेकिन 15 साल की पक्की नौकरी

अग्निपथ योजना लागू होने से पहले जवानों की भर्ती कम से कम 15 साल के लिए होती थी और सेवा पूरी होने पर पेंशन मिलती थी, लेकिन अग्निवीरों को पेंशन नहीं दी जाएगी. जो 25 प्रतिशत चुने जाएंगे, वो कम से कम 15 साल या उससे ज्यादा समय तक सेना में सेवा करेंगे. स्थायी भर्ती आर्म, सर्विस और ट्रेड के हिसाब से की जाएगी और हर ट्रेड के लिए अलग मेरिट लिस्ट बनेगी.

ये भी पढ़ें: नेशनल टीचर अवॉर्ड के लिए 6 जुलाई तक करें रजिस्ट्रेशन, जानें पुरस्कार में क्या-क्या मिलता है