ऑपरेशन सिंदूर की वजह से छूट गई थी परीक्षा! अब डीयू दोबारा कराएगा एग्जाम, जानें क्या है प्लान?

पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया था. इस वजह से देश के कई शहरों में भी एहतियातन जनजवीन प्रभावित रहा. तो वहीं कई छात्रों ने अपनी सेमेस्टर परीक्षाएं भी नहीं दी. ऐसे छात्रों के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ग्रेजुएशन-पोस्ट ग्रेजुएशन के जिन भी छात्रों ने अपनी सेमेस्टर परीक्षाएं नहीं दी हैं, उनके लिए डीयू दोबारा परीक्षा आयोजित करेगा. आइए जानते हैं कि दोबारा परीक्षा आयोजित कराने को लेकर डीयू का प्लान क्या है ?

इन तीन तारीख वाली परीक्षाएं दोबारा

डीयू परीक्षा नियंत्रक प्रो जीएस टूटेजा की तरफ से इस संबंध में बयान जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर की वजह से 13, 14 और 15 मई को कई छात्रों की परीक्षाएं छूट गई थी. ऐसे छात्रों के लिए डीयू ने दोबारा परीक्षा आयोजित कराने का प्रावधान किया है. ऐसे छात्र अब दोबारा परीक्षा में शामिल हो सकेंगे, जिन्हें दोबारा परीक्षा के लिए आवेदन करना होगा.

10 जुलाई तक भरें गूगल फार्म

डीयू के ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन के सेमेस्टर परीक्षाएं जिन भी छात्रों की ऑपरेशन सिंदूर की वजह से छूट गई है, उन्हें दोबारा परीक्षा देने के लिए गूगल फाॅर्म भरना होगा. डीयू की तरफ से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार ऐसे छात्र https://forms.gle/zkWJxTQiVf73ft7j6 लिंक कर क्लिक कर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन फाॅर्म भरने की अंतिम तिथि 10 जुलाई 2025 गुरुवार है. आवेदन फाॅर्म गुरुवार रात 11:59 बजे तक जमा कराया जा सकता है.

सबूत भी देना होगा

ऑपरेशन सिंदूर की वजह से परीक्षा देने से रह गए छात्रों के लिए डीयू दोबारा परीक्षा तो आयोजित करा रहा है, लेकिन डीयू ने एक शर्त भी रखी है. डीयू की तरफ से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार यह गूगल फॉर्म केवल उन छात्रों के लिए है, जो 13, 14 और 15 मई को परीक्षा के लिए उपस्थित नहीं हो सके. हालांकि इसके लिए छात्रों को यह दर्शाने वाला दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करना अनिवार्य है कि वे उस समय दिल्ली नहीं पहुंच सके थे.

ये भी पढ़ें-NEET UG से हर साल तैयार हो रहे एक लाख डाॅक्टर! फिर भी 2030 तक देश में 20 लाख नए डॉक्टर्स की जरूरत