मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों अपने लखनऊ जनता मिलन कार्यक्रम में मुरादाबाद की वाची नाम की छोटी बच्ची से मुलाकात की थी. वाची निम्न आय वर्ग (EWS) कोटे से प्राइवेट स्कूल में दाखिला ना मिलने की शिकायत लेकर कार्यक्रम में पहुंची थी. सीएम योगी ने वाची की शिकायत पर अधिकारियों को निर्देशित किया. इसके तीन घंटे बाद ही वाची का दाखिला मुरादाबाद के एक महंगे प्राइवेट स्कूल में फ्री में हो गया. सीएम योगी ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 के तहत नियमानुसार वाची का दाखिला महंगे प्राइवेट स्कूल में करवाया. बेशक, सीएम योगी के निर्देश पर नियमानुसार मुरादाबाद में वाची का दाखिला महंगे स्कूल में हुआ, लेकिन यूपी की राजधानी लखनऊ के ही प्राइवेट स्कूल इस नियम को मानने के लिए तैयार नहीं है, जिसको लेकर अब जिलाधिकारी सख्त हुए हैं.
EWS बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित
इस खबर पर आगे बढ़ने से पहले आरटीई 2009 का नियम जान लेते हैं. असल में आरटीई 2009 के 6 से 14 साल तक के बच्चों के लिए फ्री शिक्षा की व्यवस्था की गई है. इस कानून के तहत प्राइवेट स्कूलों की 25 फीसदी सीटें ईडब्ल्यूएस कोटे के बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं. इन सीटों पर दाखिला के लिए स्कूल की तरफ से अलग से आवेदन प्रक्रिया आयोजित की जाती है. दाखिला प्रारंभिक कक्षाओं में ही दिया जाता है.
लखनऊ के कई बड़े प्राइवेट स्कूल नहीं दे रहे दाखिला
आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में ईडब्ल्यूएस बच्चों के लिए सीटें आरक्षित हैं, लेकिन इसके बावजूद भी लखनऊ के कई बड़े प्राइवेट स्कूल इस नियम के आधार पर ईडब्ल्यूए बच्चों को दाखिला नहीं दे रहे हैं. असल में इस साल लखनऊ में 18 हजार ईडब्ल्यूएस कोटे के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला मिलना था. इस संबंध में जून में ही जिला प्रशासन ने स्कूलों को निर्देश जारी किया था, लेकिन शहर के कई बड़े स्कूल ईडब्ल्यूएस बच्चों को दाखिला देने में फिसड्डी साबित हुए हैं. लखनऊ बीएसए आफिस के मुताबिक इन स्कूलों में CMS स्कूल ग्रुप और सिटी मांटेसरी स्कूल सबसे ऊपर हैं. दोनों के ही शहर में 17-17 स्कूल हैं और दोनों ही ग्रुप्स ने अपने एक भी स्कूल में आरटीई के तहत ईडब्ल्यूएस कोटे के बच्चों को दाखिला नहीं दिया है. इसी तरह एमआर जयपुरिया स्कूल, विश्वनाथ एकेडमी,बाल गाइड स्कूल समेत कई स्कूल इस सूची में शामिल हैं.
ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द होगी!
आरटीई के तहत ईडब्ल्यूएस कोटे के बच्चों को दाखिला ना देने वाले प्राइवेट स्कूलों को लेकर जिला प्रशासन सख्त हुआ है. इस संबध में लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने को लेकर नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं. इस आदेश के तत्काल बाद लखनऊ बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इन स्कूलों को नोटिस जारी कर दिया है और ऐसे स्कूलों से लिखित जवाब मांगा गया है.
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