उत्तर प्रदेश सरकार तकनीकी और नवाचार का प्रयोग करते हुए शिक्षा में कई सुधार कर रही है. इसी कड़ी में यूपी बोर्ड के स्कूलों में मंगलवार से स्टूडेंट्स और टीचर्स की हाजिरी के लिए ऑनलाइन व्यवस्था लागू कर दी गई है. असल में यूपी बोर्ड ने सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों में एक जुलाई 2025 से ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम लागू कर दिया है, जिसके बाद यूपी बोर्ड के सभी स्कूलों में अब छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी लगेगी. इससे छात्रों की उपस्थिति की ऑनलाइन निगरानी होगी, जिसके बाद 75 फीसदी से कम अटेंडेंस होने पर छात्र परीक्षा नहीं दे सकेंगे. आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
डिजिटल पोर्टल बनाया गया
यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने इस संंबंध में जानकारी देते हुए बताया कि नए शैक्षिक सत्र में बोर्ड के सभी स्कूलों में स्टूडेंट्स और टीचर्स की ऑनलाइन हाजिरी ली जाएगी. इसके लिए एक डिजिटल पोर्टल बनाया गया है, जिसमें कॉलेज के प्रिंसिपल हाजिरी लगाएंगे. यूपी के सभी 29,183 स्कूलों में पहली जुलाई से इसे लागू कर दिया गया है. इसमें 2547 राजकीय स्कूल, 4522 एडेड स्कूल और शेष 22,114 नॉन एडेड स्कूल शामिल हैं.
ऐसी लगेगी ऑनलाइन हाजिरी
यूपी बोर्ड ने इस व्यवस्था को अमल में लाने के लिए एक अंकन पोर्टल तैयार किया है. upmsp.edu.in पर क्लिक कर इसमें लॉगिन किया जाएगा. जहां लॉगिन के बाद स्कूल का डैश बोर्ड खुल जाएगा. इसमें कक्षा वार सेक्शन होंगे, जिस पर जाते ही पंजीकृत छात्रों की सूची होगी. इसमें उपस्थित, अनुपस्थित और अवकाश के विकल्प होंगे, जिन्हें क्लिक करते ही हाजिरी लग जाएगी. अगर कोई छात्र छुट्टी पर है तो इससे सबंंधित कॉलम में इसकी वजह भी भरनी होगी. शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी के लिए भी यही प्रक्रिया है. यह ऑनलाइन हाजिरी आने और जाने की नहीं बल्कि एक बार लगेगी, जिसके लिए सुबह 11 बजे तक इसे लगाना अनिवार्य होगा.
शिक्षकों ने पहल को बताया उपयोगी
यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह का कहना है कि प्रतिदिन सुबह 11 बजे तक हर स्कूल की उपस्थिति रिपोर्ट मासिक स्तर पर ऑनलाइन सेंड की जाएगी, जिससे रीयल‑टाइम मॉनिटरिंग संभव हो सकेगी. उन्होंने बताया कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी. तो वहीं ड्रॉप‑आउट और शिक्षक‑छात्र अनुपात की निगरानी में भी इसे मदद मिलेगी.
ऑनलाइन हाजिरी को लेकर प्रयागराज स्थिति केपी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल योगेंद्र सिंह का कहना है कि इस नई व्यवस्था से विद्यालय और कक्षा में अधिक अनुशासन कायम होगा. छात्रों के लिए इसकी अनिवार्यता हो जाने से जब अधिक छात्र नियमित कक्षा में रहेंगे तो शिक्षक को भी अधिक होम वर्क कर पढ़ाने में रुचि बढ़ेगी.
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