जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जेएनयू (JNU) ने विदेशी छात्रों को एक बड़ी खुशखबरी दी है. जेएनयू ने विदेशी छात्रों की ट्यूशन फीस में बड़ी कटौती की घोषणा की है. इस शैक्षणिक वर्ष से इंटरनेशनल छात्रों को काफी कम फीस देनी होगी. कोर्स और छात्रों के मूल क्षेत्र के आधार पर 33 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक की कटौती होगी. जेएनयू ने अंतर्राष्ट्रीय प्रवेश को बढ़ावा देने और अपनी वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाने के उद्देश्य से ये फैसला किया है.
सबसे ज्यादा फीस कटौती SAARC (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) देशों, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के छात्रों के लिए की गई है. फीस घटाने का उद्देश्य विकासशील देशों के छात्रों के लिए जेएनयू को अधिक किफायती बनाना है.
कितनी लगेगी फीस?
अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के छात्रों को अब मानविकी कोर्सेज के लिए प्रति सेमेस्टर सिर्फ 300 डॉलर यानी करीब 25,680 रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि पहले उन्हें 1,500 डॉलर यानी करीब 1,28,400 रुपये फीस देनी होती थी. वहीं, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के साइंस के छात्रों की फीस घटकर 400 डॉलर यानी करीब 34,240 रुपये हो गई है, जबकि पहले उन्हें 1,900 डॉलर यानी करीब 1,62,640 रुपये का भुगतान करना होता था.
इसी तरह सार्क (SAARC) देशों के छात्रों को भी फीस में भारी कटौती का लाभ मिलेगा. मानविकी (Humanities) में दाखिला लेने वालों को अब 700 डॉलर की जगह 200 डॉलर यानी करीब 17,120 रुपये का भुगतान करना होगा यानी फीस में 71 प्रतिशत की कटौती की गई है, जबकि साइंस कोर्सेज के लिए फीस पहले के 700 डॉलर से घटाकर 300 डॉलर यानी करीब 25,680 रुपये कर दी गई है यानी 57 प्रतिशत की कटौती की गई है.
क्यों JNU में तेजी से घट गए विदेशी छात्र?
दरअसल, हाल के सालों में जेएनयू में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के एडमिशन में भारी कमी देखी गई है. इसी को ध्यान में रखते हुए फीस में कटौती का फैसला किया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा विदेशी छात्र यहां पढ़ने आएं. अगर साल 2020-21 की बात करें तो उस समय विश्वविद्यालय में 152 विदेशी छात्र थे, लेकिन 2023-24 तक यह संख्या तेजी से घटकर सिर्फ 51 रह गई. साथ ही जेएनयू में छात्रों को भेजने वाले देशों की संख्या भी घट गई. पहले 14 देशों के छात्र यहां पढ़ने आते थे, जो बाद में घटकर 8 पर आ गए. कई विदेशी छात्रों ने इस गिरावट के लिए ट्यूशन की ज्यादा फीस को एक प्रमुख कारण बताया था.
JNU में विदेशी छात्र क्या पढ़ते हैं?
जेएनयू का स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज (एसएलएल एंड सीएस) दुनियाभर में मशहूर है. यह विदेशी और भारतीय दोनों भाषाओं में कोर्स कराता है. विदेशी भाषाओं में अरबी से लेकर चीनी, फ्रेंच, जर्मन, जापानी, कोरियाई, फारसी, रूसी और स्पेनिश, जबकि भारतीय भाषाओं में हिंदी, संस्कृत और उर्दू शामिल हैं. इसके अलावा विदेशी छात्र इस यूनिवर्सिटी में लिबरल आर्ट्स, सोशल साइंसेज, इंटरनेशनल अफेयर्स और साइंस रिसर्च की भी पढ़ाई के लिए आते हैं.
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