दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने नई शिक्षा नीति 2020 के मद्देनजर एक बड़ा फैसला लिया है. डीयू अब हिंदी मीडियम में पढ़ाई करने वाले छात्रों को हिंदी में किताबें उपलब्ध कराएगा. इस संबंध में डीयू के हिंदी माध्यम निदेशालय ने डीयू से संबद्ध कॉलेजों के लिए सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर में स्पष्ट किया गया कि नई शिक्षा के तहत निर्धारित पाठ्यक्रम में हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हिंदी मीडियम से पढ़ने वाले छात्रों के लिए हिंदी में पुस्तकें प्रकाशित करवाने की योजना है. माना जा रहा है कि निदेशालय की इस पहल से शिक्षकों और छात्रों को एक जगह हिंदी में पाठ्यक्रम सामग्री /किताबें उपलब्ध हो सकेंगी.
नई किताबें हिंदी में ना होने से दिक्कतें
अरबिंदो महाविद्यालय के मीडिया संयोजक व हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ. हंसराज सुमन ने बताया कि डीयू हिंदी माध्यम कार्यान्वयन निदेशालय की कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर मंजू मुकुल कांबले ने इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है. ये सर्कुलर डीयू से संबद्ध सभी कॉलेजों व शिक्षण संस्थानों के प्राचार्य, निदेशक व हिंदी विभाग के प्रभारियों के लिए जारी किया है. उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति को लागू हुए तीन साल बीत चुके हैं, लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम में लगी पुस्तकें हिंदी में उपलब्ध नहीं हैं. ऐसे में छात्रों को बहुत परेशानी हो रही है.
उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लागू किए गए पाठ्यक्रम पर अधिकांश महाविद्यालयों की पुस्तकालयों में हिन्दी मीडियम में पुस्तकें उपलब्ध नहीं हैं, जबकि हिन्दी विशिष्ट के छात्रों के लिए तो हिन्दी पाठ्यक्रम की पुस्तकें ही तैयार नहीं हुई हैं. ये स्थिति तब है, जब इस साल से वह चौथे साल में प्रवेश कर सातवें सेमेस्टर की पढ़ाई शुरु करने जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि हिंदी माध्यम में ज्यादातर वे छात्र हैंं, जो हिंदी भाषी राज्यों से हिंदी मीडियम स्कूलों से पढ़कर आए हैं. इन छात्रों के लिए हिंदी मीडियम में अच्छी पुस्तकें उपलब्ध नहीं हैं. हिंदी में बेहतर पुस्तकों के अभाव में परीक्षा परिणाम पर भी असर पड़ता है. उन्होंने बताया है कि मानविकी, वाणिज्य, इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, कानून व अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर हिंदी मीडियम की पुस्तकों का अभाव है.
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