ओडिशा सरकार ने स्कूली शिक्षा में एक बड़ा और अहम बदलाव करते हुए कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए फेल होने की व्यवस्था को फिर से लागू कर दिया है. अब छात्रों को अपनी सालाना परीक्षा में पास होना अनिवार्य होगा, वरना उन्हें उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा. यह फैसला राज्य में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने और छात्रों की शैक्षणिक जवाबदेही तय करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
हालांकि फेल होने के बाद भी किसी छात्र को स्कूल से निकाला नहीं जाएगा. सरकार का कहना है कि इससे बच्चों में पढ़ाई को लेकर गंभीरता बढ़ेगी और शिक्षकों की भूमिका भी अधिक प्रभावी होगी.
क्या है नया नियम?
सरकार ने ओडिशा शिक्षा का अधिकार नियम 2010 में बदलाव किया है. यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून में हुए हालिया बदलावों के हिसाब से किया गया है. इसका सीधा मतलब यह है कि अब 5वीं और 8वीं के बच्चों को साल के आखिर में होने वाली अपनी सालाना परीक्षाओं में पास होना जरूरी होगा.
बच्चा फेल हो जाए तो क्या होगा?
बच्चा अगर परीक्षा में पास होने के जरूरी नंबर नहीं ला पाता है तो उसे सीधे फेल नहीं किया जाएगा. पहले उसे कुछ एक्स्ट्रा पढ़ाई (अतिरिक्त शिक्षा) कराई जाएगी. इसके बाद रिजल्ट आने के दो महीने के अंदर उसे दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा, लेकिन वह दोबारा भी पास नहीं हो पाता है, तो उसे उसी क्लास में रोक दिया जाएगा.
सरकार ने एक बात साफ कर दी है कि फेल होने पर भी किसी भी बच्चे को स्कूल से निकाला नहीं जाएगा. उन्हें अपनी एलिमेंट्री एजुकेशन (प्राथमिक शिक्षा) पूरी करने तक स्कूल में पढ़ने का मौका मिलता रहेगा. यह बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए एक अहम कदम है.
क्यों हुआ ये बदलाव?
ये नया नियम केंद्र सरकार की ओर से RTE एक्ट में किए गए बदलावों के बाद आया है. पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार ने RTE एक्ट में कुछ संशोधन किए थे. इन बदलावों के तहत राज्यों को यह अधिकार दिया गया है कि वे 5वीं और 8वीं क्लास के लिए नियमित परीक्षाएं करा सकते हैं. साथ ही, वे उन छात्रों को फेल भी कर सकते हैं जो इन परीक्षाओं में पास नहीं होते. इससे पहले, बच्चों को ऑटोमेटिकली अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था, यानी उन्हें फेल नहीं किया जाता था.
ओडिशा सरकार का मानना है कि यह नई नीति ओडिशा के स्कूलों में पढ़ाई के स्तर को सुधारने और जवाबदेही बढ़ाने में मदद करेगी. जब बच्चों को पता होगा कि उन्हें परीक्षा में पास होना जरूरी है, तो वे पढ़ाई को लेकर ज्यादा गंभीर होंगे. इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आने की उम्मीद है.
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