मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों के लिए गर्मी की छुट्टियों का ऐलान कर दिया है. इस बार छात्रों को 1 मई 2025 से 15 जून 2025 तक की छुट्टियां मिलेंगी, यानी कुल 46 दिनों का ब्रेक. यह फैसला स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा लिया गया है ताकि बच्चों को तेज गर्मी से राहत मिल सके और वे सुरक्षित रहें.
मध्य प्रदेश में हर साल गर्मी के मौसम में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है. मई और जून के महीने में गर्म हवाओं (लू) और धूप के कारण बच्चों के बीमार पड़ने का खतरा रहता है. इसीलिए सरकार ने इस बार पहले से ही छुट्टियों का ऐलान कर दिया है.
शिक्षकों को भी छुट्टी, लेकिन कम
जहां छात्रों को 46 दिन की छुट्टी मिलेगी, वहीं शिक्षकों को सिर्फ 31 दिन की छुट्टी दी गई है. शिक्षकों की छुट्टियां 1 मई से 31 मई 2025 तक रहेंगी. इसके बाद 1 जून से उन्हें स्कूल आकर नई पढ़ाई की तैयारी, लेसन प्लान बनाना, और एजुकेशनल वर्कशॉप्स में भाग लेना होगा. यह इसलिए जरूरी है ताकि स्कूल खुलने पर बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके.
बच्चों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता
इस फैसले को लेने से पहले मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट और एजुकेशन एक्सपर्ट्स से सलाह ली गई. अधिकारियों ने बताया कि यह फैसला बच्चों की सेहत और सुरक्षा को देखते हुए लिया गया है. गर्मी के मौसम में बच्चों को धूप में स्कूल भेजना उनके स्वास्थ्य के लिए जोखिमभरा हो सकता है. ऐसे में लंबी छुट्टियां बच्चों के लिए एक सेफ ऑप्शन हैं.
नहीं टूटेगा पढ़ाई का सिलसिला
कई अभिभावकों ने चिंता जताई कि इतनी लंबी छुट्टियों से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा. इस पर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने कहा है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान छात्रों के लिए ऑनलाइन रिवीजन क्लासेस और लर्निंग मॉड्यूल्स शुरू किए जा सकते हैं. इससे बच्चे घर बैठे अपनी पुरानी पढ़ाई दोहरा सकेंगे और न्यू सेशन शुरू होने पर आसानी से आगे बढ़ सकेंगे.
16 जून को फिर से खुलेंगे स्कूल
गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल 16 जून 2025 को दोबारा खुलेंगे. यह दिन नया अकैडमिक सेशन शुरू होने का संकेत होगा. स्कूलों में बच्चों के स्वागत की तैयारी भी पहले से की जाएगी ताकि वे ताजगी और उत्साह के साथ पढ़ाई शुरू कर सकें.
सरकार का संतुलित
मध्य प्रदेश सरकार का यह फैसला न सिर्फ एक नेचुरल चैलेंज (गर्मी) से निपटने का तरीका है, बल्कि यह दिखाता है कि सरकार एजुकेशन और हेल्थ दोनों को समान महत्व दे रही है. इससे छात्रों को न सिर्फ राहत मिलेगी, बल्कि यह पढ़ाई और विकास में भी सहायक होगा.
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